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खेलों में हार-जीत से ज्यादा खेल भावना अहम: मनसुख मंडाविया

गया।  केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने आज कहा कि खेलों में हार-जीत से ज्यादा खेल भावना अहम है। राजगीर के अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में वीमेंस एशिया हॉकी फाइनल से पहले केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया और उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी गया पहुंचे, जहां उन्होंने शहर के प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर में माथा टेका। उन्होंने तुलसी अर्चना कर भारत के विजयी होने की प्रार्थना की। इसके बाद दोनों ने फल्गु नदी पर बने रबर डैम का भी निरीक्षण किया। केंद्रीय खेल मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजना है कि जब भारत 2047 में अपनी आजादी के शताब्दी वर्ष का जश्न मना रहा होगा, तब देश खेल जगत में दुनिया के शीर्ष-5 देशों में शामिल हो, इसके लिए खेलो इंडिया प्रोजेक्ट के तहत जमीनी स्तर पर खिलाड़ियों को पहचान कर उन्हें विश्वस्तरीय कोचिंग दी जा रही है। दुनिया में कई बेहतर कोच है, हमलोगों का प्रयास है कि उन्हें भारत लाकर खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण दिलाया जाए ताकि वे विदेश में जाकर बेहतर प्रदर्शन कर सकें।

वहीं सम्राट चौधरी ने बोधगया के विकास को लेकर बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने विष्णुपद मंदिर कॉरिडोर परियोजना का काम शुरू कर दिया है।टेंडर निकाल दिए गए हैं और डीपीआर तैयार कर केंद्र को भेजी जाएगी।यह परियोजना प्रधानमंत्री की प्राथमिकता में है और इसे काशी कॉरिडोर की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बुधवार को 1.14 लाख शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिए गए। उन्होंने बताया कि राज्य के कुछ जिले में आचार संहिता लागू होने के कारण करीब 25 हजार शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया रुकी हुई है, जिसमे गया भी शामिल है,जिसे जल्द पूरा किया जाएगा।उन्होंने तंज किया कि अब कोई यह नहीं कहेगा कि क्वालिटी नहीं है। अब हमारे पास क्वालिटी के साथ क्वांटिटी भी है।