सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी नेपाल की यात्रा पर रवाना
नयी दिल्ली। थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी बुधवार को नेपाल की यात्रा पर रवाना हुए, जो भारत और नेपाल के बीच घनिष्ठ रक्षा सहयोग को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मंत्रालय के बयान में कहा कि वह 20 से 24 नवंबर तक अपनी नेपाल की यात्रा के दौरान, जनरल द्विवेदी नेपाल में भारतीय राजदूत नवीन श्रीवास्तव के साथ बातचीत करेंगे और उसके बाद वह रक्षा मंत्रालय के शशि भवन में नेपाली थल सेनाध्यक्ष जनरल अशोक राज सिगडेल के साथ अनौपचारिक चर्चा करेंगे। जनरल द्विवेदी को 21 नवंबर को नेपाली सेना मुख्यालय में गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया जाएगा, जिसके बाद नेपाली सेना के सीओएएस के साथ उनकी बातचीत होगी।
जनरल द्विवेदी को दोनों देशों के सामान्य हित के मुद्दों पर नेपाली सेना के सैन्य संचालन महानिदेशक (डीजीएमओ) द्वारा भी जानकारी प्रदान की जाएगी। बाद में, वह राष्ट्रपति भवन, शीतल निवास में अलंकरण समारोह में शामिल होंगे, जिसमें भारतीय सेना और नेपाली सेना के बीच अनूठी परंपरा के अनुसार, उन्हें नेपाल के माननीय राष्ट्रपति द्वारा नेपाली सेना के जनरल के मानद रैंक से सम्मानित किया जाएगा। वह नेपाल के राष्ट्रपति से भी मुलाकात करेंगे और भारत और नेपाल के बीच रक्षा साझेदारी को बढ़ावा देने वाले विषय पर बातचीत करेंगे। शाम को वह नेपाली सेना प्रमुख द्वारा आयोजित भोज में शामिल होंगे।
भारतीय सेनाध्यक्ष 22 नवंबर को शिवपुरी में नेपाली सेना कमान एवं स्टाफ कोर्स के छात्रों को संबोधित करेंगे। दिन में जनरल द्विवेदी नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली और रक्षा मंत्री मनबीर राय से मुलाकात करेंगे और परस्पर हितों के मुद्दों पर बातचीत करेंगे। जनरल द्विवेदी 23 नवंबर को पोखरा में पूर्व सैनिक रैली में हिस्सा लेंगे, जिसमें वह वीर नारियों और वीरता पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित करेंगे। रैली के दौरान, वह भारतीय सेना के दिग्गजों के साथ भी बातचीत करेंगे, जो नेपाल में बड़ी संख्या में मौजूद हैं। सेना प्रमुख पश्चिमी डिवीजन मुख्यालय, नेपाली सेना का दौरा करेंगे और उन्हें जनरल ऑफिसर कमांडिंग, पश्चिमी डिवीजन, नेपाली सेना की उपस्थिति में जानकारी प्रदान की जाएगी। शाम को सेना प्रमुख काठमांडू में गणमान्य व्यक्तियों के लिए भोज का आयोजन करेंगे। वह 24 नवंबर को भारत लौटेंगे। जनरल उपेंद्र द्विवेदी की यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच सहयोग के नए मार्गों की तलाश करने के अलावा भारतीय और नेपाली सेनाओं के बीच सैन्य सहयोग को मजबूत करना है।