प्रदूषण को लेकर सिसोदिया के आरोपों को केंद्र सरकार ने किया खारिज
नयी दिल्ली,
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आरोपों को खारिज करते हुये आज कहा कि केंद्र सरकार प्रदूषण को समाप्त करने के लिए “काम करने” में विश्वास रखती है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा “केंद्र सरकार प्रदूषण को समाप्त करने के लिए काम करने में विश्वास रखती है। उसने पिछले छह साल में वायु प्रदूषण के खिलाफ अनेक कदम उठाये हैं।”
इससे पहले श्री सिसोदिया ने आज कहा था कि केंद्र सरकार ने पूरे साल प्रदूषण नियंत्रण के लिए कुछ काम नहीं किया और अब पूरे देश को इसका खामियाजा भुगतना होगा। सिर्फ गत तीन महीने से सभी प्रदूषण और पराली जलाने के बारे में चिंता कर रहे हैं जबकि दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण नियंत्रण के लिए लगातार काम कर रही है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि केंद्र सरकार ने दिल्ली के दोनों तरफ पूर्वी और पश्चिमी सीमा के समानांतर एक्सप्रेस-वे बनाया है जिससे रोजना 60 हजार ट्रकों को दिल्ली की सीमा में घुसने की जरूरत नहीं होती। बदरपुर विद्युत संयंत्र को बंद कर दिया गया है। वाहनों के भारत स्टेज (बीएस)-6 मानक अपनाये गये हैं और इसके लिए बीएस-6 ईंधन भी उपलब्ध कराये गये हैं जिस पर 65 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। आधिकारिक बयान में कहा गया है कि पराली जलाने से रोकने के लिए पंजाब और हरियाणा के किसानों को पराली निकालने की विशेष मशीनें दी गई हैं। इससे पराली जलाने से होने वाला प्रदूषण 15 से 20 फीसदी कम हुआ है। मशीनों के लिए केंद्र सरकार ने 1,400 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के 2,800 ईंट भट्टों में जिगजैग प्रौद्योगिकी अपनाई गई है और 2,600 कारखानों में अब पीएनजी का इस्तेमाल किया जा रहा है। क्षेत्र के सभी पेट्रोल पंपों में ‘वेपर रिकवरी सिस्टम’ लगाया गया है। कूड़े से बिजली बनाने वाले तीन संयंत्र लगाये गये हैं जिनकी क्षमता 57 मेगावाट की है।