कोरोना रिकवरी दर 94.07 और सीएफआर हुई 1.43 प्रतिशत
लखनऊ।
प्रदेश में पिछले चौबीस घंटे में २,०६७ नए मामले सामने आए हैं। इसी दौरान २,०६० मरीज इलाज के बाद स्वस्थ हुए हैं। प्रदेश में कोविड-१९ रिकवरी दर ९४.०७ प्रतिशत है। वहीं मृत्यु दर यानि केस फैटिलिटी रेट (सीएफआर) अब १.४३ प्रतिशत हो गई है। अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने सोमवार को बताया कि वर्तमान में २३,७७६ कोरोना के सक्रिय मामले हैं। नवम्बर माह में पॉजिटिविटी दर १.६ फीसदी चल रही है। उत्तर प्रदेश बड़ा आबादी वाला राज्य होने के बाद भी इसे हमेशा ५.० प्रतिशत से नीचे रखने में सफल रहा है। उन्होंने बताया कि कल एक दिन में कुल १,४५,७०४ सैम्पल की जांच की गयी। कल विभिन्न प्रयोगशालाओं को ५६,००० सैम्पल आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए भेजे गए।
प्रदेश में पिछले चौबीस घंटे में २,०६७ नए मरीज मिले, २,०६० हुए स्वस्थ
राज्य में अब तक कुल १,८१,३१,६९३ सैम्पल की जांच की गयी है। वहीं कुल ४,९७,४७५ कोविड-१९ से ठीक होकर पूर्ण उपचारित हो चुके हैं। मार्च में संक्रमण की शुरुआत से लेकर अब तक ७,५८२ लोगों की मौत हुई है। वर्तमान में होम आइसोलेशन में १०,९४८ लोग हैं। वहीं निजी चिकित्सालयों में २,४०५ लोग इलाज करा रहे हैं। इसके अतिरिक्त बाकी मरीज एल-१, एल-२ तथा एल-३ के सरकारी अस्पतालों में भर्ती हैं। अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने बताया कि प्रदेश में सर्विलांस टीम के माध्यम से १,६१,८४१ क्षेत्रों में ४,६१,९६५ टीम दिवस के माध्यम से २,९२,२२,२७२ घरों के १४,३०,०८,७२२ लोगों का सर्वेक्षण किया गया है। कई जनपदों से कम्युनिटी सर्विलांस के अच्छे उदाहरण मिल रहे हैं। इनमें ग्राम निगरानी समिति, मोहल्ला निगरानी समिति और कई जगह एनजीओ ने भी बहुत अच्छा काम किया है।
संक्रमण के बाद मौतों की बात करें तो इसमें ६० से अधिक आयु वाले ४५ प्रतिशत लोग
एनजीओ ने इस कार्य के लिए अपने वॉलिंटियर्स लगाएं हैं। खासतौर से जिन घरों में कोई व्यक्ति संक्रमित है और बाकी सदस्य होम आइसोलेशन में हैं। ऐसे में उन्हें आवश्यक चीजें आसानी से उपलब्ध कराने के लिए कई स्वयंसेवी संगठनों ने अच्छी भूमिका निभाई है। अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने कहा कि राज्य में बुजुर्गों के बीच संक्रमण में निरन्तर वृद्धि देखने को मिल रही है। ६० से अधिक आयु वाले वृद्धों में संक्रमण १०.१३ प्रतिशत पहुंच गया है। दो-तीन महीने पहले ८.० प्रतिशत था। वहीं अगर संक्रमण के बाद मौतों की बात करें तो इसमें ६० से अधिक आयु वाले ४५ प्रतिशत लोग थे। इसलिए सभी बुजुर्गों को सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है।