अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों, प्रशिक्षुओं ने की राष्ट्रपति मुर्मू से भेंट
नयी दिल्ली। भारतीय रक्षा संपदा सेवा, भारतीय कौशल विकास सेवा, भारतीय व्यापार सेवा और भारतीय दूरसंचार सेवा के अधिकारियों/ प्रशिक्षु अधिकारियों ने शुक्रवार को यहां राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। इस अधिकारियों और प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए श्रीमती मुर्मू ने कहा कि संबंधित सेवाओं का हिस्सा बनने के बाद, उनका प्राथमिक उद्देश्य राष्ट्र और उसके लोगों की पूरी ईमानदारी से सेवा करना होना चाहिए। राष्ट्रपति भवन की एक विज्ञप्ति के अनुसार राष्ट्रपति को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि रक्षा संपदा महानिदेशालय ने रक्षा संपदाओं के प्रबंधन के लिए उपग्रह इमेजरी, भू-स्थानिक तकनीकों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी तकनीकों को अपनाया है। उन्होंने भारतीय रक्षा संपदा सेवा के अधिकारियों से छावनियों के प्रभावी प्रशासन के लिए प्रौद्योगिकी का अधिकतम संभव सीमा तक उपयोग करने का आग्रह किया। राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय दूरसंचार सेवा के अधिकारियों के करियर में प्रौद्योगिकी की और भी अधिक केंद्रीय भूमिका है। पिछले दो दशकों के दौरान भारत में दूरसंचार क्रांति हुई है।उन्होंने कहा, “ जैसे-जैसे हम 5जीबाइल टेलीफोनी की ओर बढ़ते हैं, तकनीकी प्रगति और इसके कार्यान्वयन में तेजी आने वाली है। भारतीय दूरसंचार सेवा के अधिकारियों की यह जिम्मेदारी है कि वे इन घटनाक्रमों से अवगत रहें।
भारतीय कौशल विकास सेवा के अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे जनसांख्यिकीय लाभांश का लाभ उठाने के लिए, हमारे विशाल मानव संसाधनों को पर्याप्त रूप से कुशल होने की आवश्यकता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारतीय कौशल विकास सेवा के अधिकारी अपने नए दृष्टिकोण और सोच के साथ कौशल-पारिस्थितिकी तंत्र को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। भारतीय व्यापार सेवा के परिवीक्षाधीन अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि आज भारत की विकास गाथा बहुत आशाजनक है। जैसा कि हमारा लक्ष्य पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना है, हम उम्मीद करते हैं कि उनके जैसे युवा अधिकारी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि कोविड-19 और अन्य भू-राजनीतिक घटनाओं के कारण वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यवधान ने विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के नए अवसर खोले हैं।