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श्याम बेनेगल की फिल्म ‘मंथन’ को मिली सराहना

कान।  प्रसिद्ध फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल निर्देशित ‘मंथन’ को शुक्रवार को 77वें कान फिल्म महोत्सव में पुनर्स्थापित फिल्मों के लिए समर्पित खंड में प्रदर्शित किया गया और काफी सराहना मिली। वर्ष 1976 की इस फिल्म को इटली में दुनिया की बेहतरीन फिल्म प्रयोगशालाओं में से एक, बोलोग्ना में एल’इमेजिन रिट्रोवाटा प्रयोगशाला और चेन्नई में प्रसाद लैब्स में नया और भव्य रूप दिया गया था। इस साल कान्स क्लासिक्स अनुभाग का हिस्सा है। ‘मंथन’ को पुन:बहाल करने वाले मुंबई स्थित फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन के फिल्म निर्माता शिवेंद्र सिंह डूंगरपुर ने कहा, “फिल्म खराब स्थिति में थी। पुनर्स्थापना एक श्रमसाध्य प्रक्रिया थी और इस काम में डेढ़ साल का समय लग गया।

श्री डूंगरपुर ने बुनुएल थिएटर में आयोजित पुनर्स्थापित फिल्म के विश्व प्रीमियर में कहा, “बेनेगल ने मुझे बताया कि पुनर्स्थापित फिल्म उनकी शूट की गई फिल्म से बेहतर है। प्रीमियर के मौके पर उपस्थित लोगों में अभिनेता नसीरुद्दीन शाह भी शामिल थे, जो गुजरात के किसानों द्वारा निर्मित फिल्म में एक ग्रामीण की भूमिका निभा रहे हैं, जिन्होंने 1976 में भारतीय सिनेमा में एक दुर्लभ भीड़-वित्त पोषित परियोजना में दो-दो रुपये का योगदान दिया था। श्री शाह ने कहा, “फिल्म का निर्माण आनंद, गुजरात के 500,000 दूध किसानों के योगदान से किया गया था। किसी ने भी फिल्म को कोई मौका नहीं दिया क्योंकि इसमें कोई नृत्य और एक्शन दृश्य नहीं था। ‘मंथन’ 1977 में रिलीज होने पर बॉक्स ऑफिस पर हिट साबित हुई। यह मेरी दूसरी फीचर फिल्म थी।

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