वैकल्पिक ईंधन समय की जरूरत : गडकरी

नयी दिल्ली, 

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने वैकल्पिक ईंधन के इस्तेमाल पर जोर देते हुए कहा है कि यह ईंधन का विकल्प, किफायती, प्रदूषण मुक्त और स्वदेशी विकल्प होगा और ईंधन के लिए पेट्रोल-डीजल के उपयोग को हतोत्साहित करेगा। श्री गडकरी ने भारतीय चीनी मिल संघ-इस्मा के ‘वैकल्पिक ईंधन-आगे की राह’ विषय पर आयोजित वर्चुअल सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि वैकल्पिक ईंधन के रूप में जैव-इथेनॉल सबसे लाभकारी है। यह बहुत कम ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के साथ एक स्वच्छ ईंधन है और इसके इस्तेमाल से जो अतिरिक्त आय होगी वह सीधे किसानों को दी जाती है जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।


उन्होंने कहा कि इथेनॉल उत्पादन क्षमता और ईंधन के रूप में इसकी उपयोगिता के मद्देनजर सरकार ने ई-20 ईंधन कार्यक्रम को फिर से डिजाइन और लॉन्च किया है जिससे देश में 2025 तक पेट्रोल के साथ 20 प्रतिशत मिश्रण में बायो-इथेनॉल का उपयोग सुनिश्चित होगा। उन्होंने कहा कि 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण से देश को 2025 तक लगभग 10 अरब लीटर इथेनॉल की आवश्यकता होगी। वर्तमान में चीनी उद्योग देश में मिश्रित ईंधन के रूप में इथेनॉल की मांग में 90 प्रतिशत का योगदान देता है। श्री गडकरी ने कहा कि उपलब्ध संसाधनों के साथ इथेनॉल उत्पादन बढ़ाने के तरीके में एक प्रस्ताव बी-हैवी भारी शीरे में 15 प्रतिशत से 20 प्रतिशत चीनी मिलाने का है। उन्होंने कहा कि इससे लगभग 45 से 60 लाख टन चीनी के अतिरिक्त भंडार का उपयोग होगा और कच्चे माल की बेहतर गुणवत्ता के कारण इथेनॉल के उत्पादन में 30 प्रतिशत तक सुधार हो सकेगा। उन्होंने कहा कि जैव-इथेनॉल उड्डयन उद्देश्य के लिए एक स्थायी ईंधन भी हो सकता है और यह ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 80 प्रतिशत की कमी ला सकता है।

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