लू से नुकसान रोकने, मानसून से पहले की तैयारियों की मोदी ने की समीक्षा

नयी दिल्ली, 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के विभिन्न भागों में इस समय लू के प्रकोप से जानमाल के नुकसान को बचाने तथा और मानसून से पहले की तैयारियों की समीक्षा की। प्रधानमंत्री कार्यालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार इस बैठक में मौसम विभाग (आईएमडी) और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने देश भर में मार्च से अब तक तापमान सामान्य स्तर से ऊंचा रहने की जानकारी दी। बयान में कहा गया कि सरकार की ओर से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को राज्य, जिला और शहर के स्तर पर मानक प्रतिक्रिया के रूप में हीट एक्शन प्लान तैयार करने की सलाह दी गई है। दक्षिण-पश्चिम मानसून की तैयारियों के संबंध में भी सभी राज्यों को ‘बाढ़ तैयारी योजना’ तैयार करने और उचित तैयारी के उपाय करने की सलाह दी गई है तथा एनडीआरएफ को बाढ़ प्रभावित राज्यों में अपनी तैनाती योजना विकसित करने की सलाह दी गई है। समुदायों को संवेदनशील बनाने के लिए सोशल मीडिया के सक्रिय उपयोग को व्यापक रूप से अपनाया जाना चाहिए। विज्ञप्ति के मुताबिक श्री मोदी ने बैठक में कहा कि हमें लू या या आग की घटना के कारण होने वाली मौतों से बचने के लिए सभी उपाय करने की आवश्यकता है और कहा कि ऐसी किसी भी घटना के प्रति हमारी प्रतिक्रिया समय न्यूनतम होना चाहिए।


उन्होंने जोर देकर कहा कि बढ़ते तापमान को देखते हुए नियमित अस्पताल अग्नि सुरक्षा ऑडिट किए जाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने जंगलों में आग से वन्य प्राणियों के लिए खतरा कम करने, आग के खतरों का समय पर पता लगाने और आग से लड़ने के लिए वन कर्मियों और संस्थानों की क्षमताओं को बढ़ाने और बचाव के लिए तेजी से काम करने की आवश्यकता पर बल दिया। प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि आगामी मानसून को देखते हुए पेयजल की गुणवत्ता की निगरानी की व्यवस्था सुनिश्चित करने की जरूरत है ताकि प्रदूषण और जल जनित बीमारियों के फैलने से बचा जा सके। बैठक में गर्मी की लहर और आगामी मानसून के मद्देनजर किसी भी घटना के लिए सभी प्रणालियों की तैयारी सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और राज्य एजेंसियों के बीच प्रभावी समन्वय की आवश्यकता के बारे में चर्चा की गई। विज्ञप्ति के अनुसार बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, प्रधानमंत्री के सलाहकारों की टीम, कैबिनेट सचिव, गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य और जल शक्ति मंत्रालय के सचिवों, एनडीएमए के सदस्य तथा महानिदेशक और भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) और भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के शीर्ष अधिकारियों तथा राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक ने भी भाग लिया।

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