सभी स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस अब अंबेडकर के नाम पर: केजरीवाल

नयी दिल्ली ,

दिल्ली सरकार ने बाबा साहब डॉ. भीम राव अंबेडकर की जयंती पर गुरुवार को दिल्ली के सभी 30 स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सिलेंस को उनके नाम पर समर्पित कर दिया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के सभी स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस आज से बीआर आंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस के नाम से जाना जाएगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में इन्हीं स्कूलों से पढ़कर बच्चे डॉक्टर, इंजीनियर व वैज्ञानिक बनेंगे। यही तो बाबा साहब का सपना था। बाबा साहब का सपना था कि हमारे देश के हर बच्चे को अच्छी से अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए, तभी देश तरक्की कर सकता है। मुझे बेहद खुशी है कि उनका सपना दिल्ली में पूरा हो रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले 75 साल में सरकारी स्कूलों को जानबूझकर और खराब से खराब किया गया। हम लोगों ने सबके सहयोग से सिर्फ पांच साल में दिल्ली के सरकारी स्कूलों शानदार बना दिया। अब राजनीति के अंदर स्कूलों की बात होने लगी है। आपस में कंपटीशन होने लगा है। अब जो नया राजनीति का नैरेटिव है, वह धीरे-धीरे शिक्षा और स्वास्थ्य की ओर शिफ्ट हो रहा है। दिल्ली के खिचड़ीपुर स्थित स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सिलेंस में आयोजित एक समारोह में  केजरीवाल ने दिल्ली के सभी 30 स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सिलेंस को बाबा साहब के नाम समर्पित करते हुए शिलापट्ट का अनावरण किया। अभी तक इन स्कूलों को स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सिलेंस के नाम से जाना जाता था, लेकिन अब यह स्कूल डॉ. बी.आर. अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सिलेंस के नाम से जाने जाएंगे। उन्होंने कहा कि आज बाबा साहब डॉ. भीम राव अंबेडकर का जन्मदिन है और हम लोग हर वर्ष की तरह इसे बड़ी धूमधाम से मना रहे हैं, लेकिन आज हम लोगों ने एक विशेष काम किया कि दिल्ली के जो सबसे शानदार 30 सरकारी स्कूल हैं, जिन्हें हम स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस के नाम से जानते हैं। अब यह सभी स्कूल बाबा साहब डॉ. अंबेडकर के नाम से जाने जाएंगे। इन स्कूलों का नाम आज से डॉक्टर बी.आर. अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस होगा। मैं समझता हूं कि इससे अच्छी श्रद्धांजलि उनको नहीं दी जा सकती थी। वो जहां कहीं भी होंगे, ऊपर आसमान में उनकी आत्मा अगर देख रही होगी, तो मैं समझता हूं कि उनकी आत्मा बहुत खुश होगी और हमें खूब आशीर्वाद देगी। बाबा साहब अंबेडकर ने अपने जीवन में सबसे ज्यादा महत्व शिक्षा को दिया।


केजरीवाल ने कहा कि जब हमारी सरकार बनी, तब हमारे पास दो मॉडल थे। उस दौरान कई लोग आकर कहते थे कि आप एक कानून पास कर दो कि अधिकारियों, मंत्रियों और नेताओं के बच्चों को सरकारी स्कूल में डलवाया जाए। अगर सारे अधिकारियों और मंत्रियों के बच्चे सरकारी स्कूल में जाने लगेंगे, तो ये स्कूल अपने आप ही ठीक हो जाएंगे। तब मैंने कहा कि हम यह मॉडल लागू नहीं करेंगे। हम दूसरा मॉडल लागू करेंगे। हम सरकारी स्कूलों को ही इतना अच्छा बना देंगे कि ये सारे लोग अपनी इच्छा से अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में भेजना चालू करेंगे। जब हमने यह सोचा था और इस इसको लागू किया, तब हमें उम्मीद नहीं थी कि हम पांच साल की सरकार में इतनी जल्दी यह हासिल कर पाएंगे। 75 साल तक बाकी पार्टियां और सारी सरकारें नहीं कर पाईं। हमें लगता था कि यह हासिल करने में काफी समय लगेगा। लेकिन सभी शिक्षकों, प्रिंसिपल, अभिभावकों, अधिकारियों, बच्चों और सभी जनता का सहयोग मिला। सभी लोगों के सहयोग से हम लोगों ने मिलकर के सिर्फ 5 साल में दिल्ली के सरकारी स्कूलों इतना शानदार बना दिया। आज हमारे कई विधायक ऐसे हैं, जिनके बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं। वह हमने उनपर दबाव नहीं डाला, बल्कि वे अपनी इच्छा से सरकारी स्कूल में अपने बच्चे पढ़ा रहे हैं। मैं कई वकीलों को जानता हूं, जिनके पास खूब पैसा है। वो अपने बच्चों को अपनी इच्छा से सरकारी स्कूल में पढ़ा रहे हैं। इस साल 3.75 लाख बच्चों ने अपने नाम प्राइवेट स्कूलों से कटवा कर सरकारी स्कूलों में भर्ती करवाया है। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि आज इस महान अवसर पर हम देश के सबसे शानदार सरकारी स्कूलों को बाबा साहब को उनके विचार व दर्शन को समर्पित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्कूल ऑफ़ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस, जिसे आज हम बाबा साहब के नाम पर समर्पित कर रहे हैं, यह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के राजनैतिक सोच का परिणाम है। उन्होंने कहा कि  केजरीवाल का मानना है कि समाज के हर तबके के बच्चों को चाहे, वो सक्षम हो या आर्थिक-सामाजिक रूप से पिछड़ा हो, सभी को शानदार क्वालिटी एजुकेशन के अवसर मिलने चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में ऐसा इसलिए संभव हो सका है क्योंकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शिक्षा के हर आयाम को बाबा साहब के विज़न से मिलाकर देखते है ताकि उसी के अनुरूप बच्चों को शिक्षा देकर बाबा साहब द्वारा देखे गए सपने के अनुसार समाज-देश का निर्माण किया जा सके।

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