‘भारतीय संविधान: अनकही कहानी’ का लोकार्पण करेंगे मोदी

नयी दिल्ली, 

जाने माने पत्रकार एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के अध्यक्ष रामबहादुर राय भारत के संविधान बनने के पीछे की अनकही पार्श्वकथा को कलमबद्ध कर आज़ादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर सुधी पाठकों के लिए प्रस्तुत करने जा रहे हैं। इस शोधपरक पुस्तक का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार को करेंगे। इसकी भूमिका के अनुसार यह पुस्तक भारतीय संविधान के ऐतिहासिक सच, तथ्य, कथ्य एवं यथार्थ की कौतूहलता का सजीव चित्रण करती है। इस पुस्तक में संविधान की कल्पना, अवधारणा और उसका उलझा इतिहास समाहित करने का प्रयास किया गया है। इस पुस्तक के कई अध्याय से समाज में प्रचलित कुछ धारणाओं को खंडित करने वाले हैं और इन धारणाओं के चटकने की गूंज आने वाले दिनों में राजनीतिक परिदृश्य में लंबे समय तक बनी रह सकती है। इक्यावन अध्याय और 501 पृष्ठों में समायी इस पुस्तक में संविधान सभा की रचना, डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद का संविधान सभा का अध्यक्ष चुने जाने से लेकर राष्ट्रीयता की परिभाषा, मुस्लिम लीग की प्रेत बाधा, भारत के विभाजन की नींव, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की पहल, महात्मा गांधी पर दो बड़े प्रश्न, संविधान का अज्ञात काल, सत्ता का हस्तांतरण, राजद्रोह की वापसी आदि प्रमुख अध्यायों में तमाम ऐसी ऐसी बातें हैं जिनके बारे में जनसाधारण अब तक अनभिज्ञ है।


एक अध्याय में संविधान के प्रधान निर्माता के रूप में बेनेगल नरसिंह राव की भूूमिका को उजागर किया गया है। यह प्रतिष्ठा स्वयं डॉ. भीमराव अंबेडकर के मुख से करायी गयी है जो प्रारूप सभा के अध्यक्ष थे। बेनेगल नरसिंह राव ने संविधान का पहला मूल मसौदा तैयार किया था जिसे संशोधित करके अंतिम रूप दिया गया था। इसी प्रकार से प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू एवं विभिन्न बड़े नेताओं के बीच वैचारिक आदान प्रदान एवं भिन्नता को भी बेहद शालीन ढंग से प्रस्तुत किया गया है। यह पुस्तक शोधार्थियों, जनप्रतिनिधियों, लेखकों और पत्रकारों के लिए संविधान और इतिहास के एक संदर्भग्रंथ के रूप में संग्रहणीय पुस्तक हो सकती है। पद्मश्री से अलंकृत श्री राय द्वारा लिखित पुस्तक “भारतीय संविधान: अनकही कहानी” का लोकार्पण प्रधानमंत्री श्री मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से नौ दिसम्बर को राजधानी के अम्बेडकर अंतर्राष्ट्रीय केन्द्र में आयोजित एक कार्यक्रम में करेंगे और समारोह को सम्बोधित करेंगे। समारोह के मुख्य अतिथि रुप में केन्द्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू एवं केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान सहभागिता करेंगे। वरिष्ठ पत्रकार अच्युतानंद मिश्र की अध्यक्षता में होने वाले इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रुप में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केन्द्रीय संस्कृति एवं विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश भी शिरकत करेंगे। बौद्धिक विमर्श की दुनिया में श्री राय का हस्तक्षेप हमेशा से रहा है। उन्होंने पूर्व में भी अपनी किताबों, लेखों एवं उद्बोधनों के माध्यम से भारतीय बौद्धिक दुनिया को समृद्ध किया है। इससे पहले उन्होंने ‘रहबरी के सवाल’,‘मंजिल से ज्यादा सफर’ और‘शाश्वत विद्रोहीः आचार्य जे बी कृपलानी’ जैसी बहुचर्चित एवं लोकप्रिय किताबों का लेखन किया है।

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