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भारत आसियान विदेश मंत्रियों की विशेष बैठक

नयी दिल्ली।  भारत आसियान संवाद संबंधों की 30वीं वर्षगांठ और आसियान के साथ रणनीतिक साझेदारी की 10वीं वर्षगांठ के अवसर पर गुरुवार को दो दिवसीय आसियान-भारत विदेश मंत्रियों की विशेष बैठक शुरू होगी। विदेश मंत्री, डॉ. एस. जयशंकर और सिंगापुर गणराज्य के विदेश मंत्री विवियन बालकृष्णन 16 एवं 17 जून को होने वाली इस बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे। अन्य आसियान सदस्य देशों के विदेश मंत्री और आसियान महासचिव इस विशेष बैठक में भाग लेंगे। वर्ष 2022 को आसियान-भारत मैत्री वर्ष के रूप में नामित किया गया है। आसियान-भारत संवाद संबंध 1992 में क्षेत्रीय साझेदारी की स्थापना के साथ शुरू हुए थे जो दिसंबर 1995 में पूर्ण संवाद भागीदारी, 2002 में शिखर स्तर की भागीदारी और 2012 में रणनीतिक भागीदारी के रूप में विकसित हुआ।आज, आसियान-भारत सामरिक भागीदारी एक मजबूत नींव पर खड़ी है। आसियान भारत की एक्ट ईस्ट नीति और व्यापक हिन्द प्रशांत क्षेत्र काे लेकर हमारे दृष्टिकोण का केंद्र है। इस बहुआयामी भागीदारी में कई क्षेत्रीय संवाद तंत्र और कार्य समूह शामिल हैं जो विभिन्न स्तरों पर नियमित रूप से मिलते हैं और इसमें वार्षिक शिखर सम्मेलन, मंत्रिस्तरीय और वरिष्ठ अधिकारियों की बैठकें शामिल हैं। चल रहे भारत-आसियान सहयोग 2021-2025 की कार्य योजना द्वारा निर्देशित है जिसे 2020 में अपनाया गया था।


आसियान-भारत विदेश मंत्रियों की बैठक एक वार्षिक कार्यक्रम है जिसे आसियान अध्यक्ष द्वारा आयोजित किया जाता है। इस बार पहली दफे इस बैठक का आयोजन नई दिल्ली में भारत सरकार द्वारा किया जा रहा है। मंत्रिस्तरीय बैठक के पहले आज यहां आसियान-भारत वरिष्ठ अधिकारियों की 24वीं बैठक हुई जिसकी विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) सौरभ कुमार और सिंगापुर के स्थायी सचिव अल्बर्ट चुआ ने की। बैठक में आसियान भारत सामरिक साझीदारी और उसकी भावी दिशा की समीक्षा की गयी। भारत आसियान विदेश मंत्रियों की विशेष बैठक के साथ-साथ दिल्ली डायलॉग का 12वां संस्करण भी आयोजित होगा, जो आसियान-भारत कैलेंडर में एक प्रमुख ट्रैक 1.5 डायलॉग है, जिसकी मेजबानी 16-17 जून को भारत द्वारा की जाएगी। दिल्ली डॉयलॉग के 12वें संस्करण की विषयवस्तु हिन्द-प्रशांत में सेतु निर्माण है। इसमें मंत्रिस्तरीय सत्र में विदेश मंत्री और आसियान के मंत्री भाग लेंगे।

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