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भारी उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए अंतर मंत्रालय समिति का गठन

नयी दिल्ली,

सरकार ने भारी उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए भारी उद्योग सचिव की अध्यक्षता में एक अंतर मंत्रालय समिति का गठन किया है। केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को ट्वीट में यह जानकारी दी। श्री जावेडकर ने कहा कि 22 सदस्यों की एक अंतर मंत्रालय समिति का गठन किया गया है जिसके अध्यक्ष भारी उद्योग सचिव तथा भारी इंजीनियरिंग उपकरण और मशीन उपकरण उद्योग क्षेत्र के संयुक्त सचिव समिति के सदस्य सचिव होंगे।

भारी उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए अंतर मंत्रालय समिति का गठन
भारी बिजली उपकरण/ऑटोमोबाइल विभाग के संयुक्त सचिव, नीति आयोग मे सलाहकार (उद्योग), बीआईएस के महानिदेशक, एनएसडीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राजस्व विभाग के संयुक्त सचिव, वाणिज्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव, औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग के संयुक्त सचिव, इलेक्ट्रॉनिकी औऱ सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में संयुक्त सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय के संयुक्त सचिव, रसायन एवं पेट्रो-रसायन विभाग के संयुक्त सचिव, खनन मंत्रालय के संयुक्त सचिव, कोयला मंत्रालय के संयुक्त सचिव, कपड़ा मंत्रालय के संयुक्त सचिव, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के संयुक्त सचिव, इस्पाक मंत्रालय के संयुक्त सचिव सदस्य , खाद्य एवं प्रसंस्करण विभाग के संयुक्त सचिव , उर्वरक विभाग के संयुक्त सचिव, , विद्युत मंत्रालय के संयुक्त सचिव और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के संयुक्त सचिव समिति के सदस्य होंगे। यह समिति भारतीय भारी उद्योग को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने और भारत को विश्व का विनिर्माण केंद्र बनाने के तौर तरीकों पर विचार करेगी और सुझाव देगी। उन्होंने कहा कि यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि समिति भारी उद्योग क्षेत्र का योगदान बढ़ाने और विनिर्माण क्षेत्र को 1000 अरब डालर का बनाने के लिए सुझाव देगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान की दिशा में यह एक कदम है। समिति इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर काम करेगी। समिति मैं सभी संबद्ध मंत्रालयों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।

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