निशंक ने महाकुंभ में ‘स्किल इंडिया पैवेलियन’ का उद्घाटन किया

नयी दिल्ली, 

केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने सोमवार को हरिद्वार में चल रहे महाकुंभ में सोमवती अमावस्या स्नान के अवसर पर कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय द्वारा बनाए गए ‘स्किल इंडिया पैवेलियन’ का उद्घाटन किया। डॉ. निशंक ने पैवेलियन का उद्घाटन करते हुए कहा, “महाकुंभ एक ऐसा उत्सव है, एक ऐसा तीर्थ है जिसमें विश्व भर से श्रद्धालु कल्पवास करने आते हैं, साधु संत तपस्या करने आते हैं लेकिन सबका उद्देश्य एक ही होता है – भक्ति में सराबोर होना। यहाँ आने वाले हर श्रद्धालु और आगुंतकों का अपना एक अलग ही अनुभव होता है। कोरोना महामारी की चुनौतियों के बावजूद महाकुंभ का सफलतापूर्वक आयोजन करवाना हमारे साथियों का कौशल दर्शाता है। भारत सरकार ने हरिद्वार में चल रहे महाकुंभ को पूरी तरह से दिव्य और भव्य बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया है। साथ ही भारत सरकार ने महाकुंभ को भव्य बनाने के लिए 700 करोड़ रुपये की धनराशि भी दी है इसमें नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत सफाई व्यवस्था के लिए 58 करोड रुपए भी उपलब्ध कराए गए हैं।” उन्होंने कहा, “इस आस्था के उत्सव में स्किल इंडिया पैवेलियन लगाना बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह स्किल इंडिया मिशन को एक नई गति प्रदान करेगा। उत्तराखंड के लोगों के कौशल को और बढ़ाने के लिए मैं विशेष रूप से इस दिन और महाकुंभ को युवाओं के कौशल को समर्पित करता है।”

निशंक ने महाकुंभ में 'स्किल इंडिया पैवेलियन' का उद्घाटन किया
डॉ. निशंक ने कहा कि यह पैवेलियन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न के अनुकूल है।उनका मानना है कि प्रासंगिक बने रहने के लिए “स्किल, री-स्किल और अप-स्किलिंग” बेहद ज़रूरी है और इसके माध्यम से हरिद्वार खुद को प्रधानमंत्री जी के विज़न से जोड़ सकेगा। केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि हमें कौशल विकास के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करना होगा क्योंकि कौशल विकास एक ऐसा साधन है जिसके द्वारा हम तेजी से रोजगार सृजन कर सकते हैं और भारतीय अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा, “आने वाले समय में कौशल ही हमारा भविष्य होगा अगर 21वीं सदी हमें भारत के नाम करनी है तो कौशल विकास का निर्माण तेजी से करना होगा।” इसके अलावा केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि राज्य के प्रयासों को बढ़ाते हुए, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भी स्कूल-शिक्षा के स्तर से ही ‘‘स्किलिंग, रि-स्किलिंग और अप-स्किलिंग” पर ध्यान केंद्रित किया गया है। डॉ. निशंक ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कौशल विकास के दिशा में की जा रही पहलों के बारे में भी बताया और कहा कि हम सभी का यह साझा प्रयास होना चाहिए कि देश के युवाओं को कुशल और आत्मनिर्भर बनाने के लिए तेजी से कौशल विकास का निर्माण किया जाए ताकि प्रधानमंत्री मोदी के ‘कौशल भारत, कुशल भारत’ विजन को साकार किया जा सके। इस दौरान कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री डॉ. महेन्द्र नाथ पांडेय, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, हरिद्वार के विधायक एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन कौशिक, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के एमडी और सीईओ डॉ. मनीष कुमार एवं अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

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