पूर्वी भारत के 80 मार्गों पर रोज़ चलेगी अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेनें

नयी दिल्ली।  भारतीय रेलवे अगले तीन साल के भीतर राजधानी दिल्ली से बिहार समेत पूर्वी भारत के करीब 80 मार्गों पर प्रतिदिन कम से कम एक अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेन का संचालन करने लगेगी जिससे अल्प आय वर्ग के यात्रियों को तेजगति से आरामदेह यात्रा की सुविधा मिलेगी और अन्य गाड़ियों पर उनकी निर्भरता भी घटेगी। रेलवे बोर्ड के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार रेल मंत्रालय ने अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेनों के प्रयोग की सफलता को देखते हुए करीब साढ़े चार सौ अमृत भारत गाड़ियों के निर्माण का ऑर्डर दे दिया है और तीन से चार साल में ये गाड़ियां पटरियों पर दौड़ती नज़र आएंगीं। सूत्रों ने कहा कि इसके अलावा मौजूदा एलएचबी रैक वाली गाड़ियों को भी धीरे धीरे अमृत भारत ट्रेन सेट की डिज़ायन में ढाला जाएगा। सेमी परमानेंट कपलर और दोनों ओर इंजन लगा कर इसकी दक्षता को बढ़ाया जाएगा। बजट में 3000 ट्रेनों को अमृत भारत तकनीक से आधुनिकीकृत करने की बात कही गयी है।

अमृत ​​भारत एक्सप्रेस ट्रेन 22 गैर वातानुकूलित डिब्बों (11 सामान्य अनारक्षित तथा 11 स्लीपर श्रेणी कोचों वाला एक एलएचबी पुश पुल ट्रेन सेट है। बेहतर त्वरण के लिए इस ट्रेन के दोनों छोर पर 6000 अश्वशक्ति वाले दो लोको लगाये गये हैं। यह रेल यात्रियों के लिए सुंदर और आकर्षक डिजाइन वाली सीटें, बेहतर सामान रैक, उपयुक्त मोबाइल होल्डर के साथ मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट, एलईडी लाइट, सीसीटीवी, सार्वजनिक सूचना प्रणाली जैसी बेहतर सुविधाएं प्रदान करता है। इसमें सेमी परमानेंट कपलर लगाए गए हैं जिससे गाड़ी के चलते या रुकते हुए झटके लगने की समस्या खत्म हो गई है। शौचालय आधुनिक डिजाइन पर आधारित है और इसमें वाशबेसिन के नल का बटन पैर से दबाने वाला है। दोनों दिशाओं में इंजन लगाने से गाड़ी को रुकने एवं गति पकड़ने (एक्सीलरेशन एवं डि-एक्सीलरेशन) में बहुत कम समय लगता है।

सूत्रों ने कहा कि अमृत भारत एक्सप्रेस के 50 रैक का निर्माण प्रगति पर है और 400 रैक के निर्माण के ऑर्डर जल्द ही जारी किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार अमृत भारत एक्सप्रेस गाड़ियां अधिकतम 130 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से दौड़ सकेंगी क्योंकि ये गैर वातानुकूलित गाड़ियां हैं और इनमें खिड़की खुली होती है। सूत्रों ने कहा कि अमृत भारत एक्सप्रेस के दोनों छोर के इंजनों को फ्रांस के टीजीबी ट्रेन सेट के इंजनों की तर्ज पर डिज़ायन किया जा रहा है। इससे इंजन के बाहरी मुखाकृति पर बुलेट ट्रेन के इंजन जैसी दिखेगी। सूत्रों के अनुसार इंजन की इस डिज़ायन को चितरंजन लोको कारखाने में विकसित किया जा रहा है और दो साल में यह तैयार हो जाएगा। इसमें नयी तकनीक वाली मोटर लगेगी। इससे परिचालन में ईंधन दक्षता वर्तमान में 88 प्रतिशत से बढ़कर 94 प्रतिशत हो जाएगी। इससे विद्युत की खपत भी कम होगी।

सूत्रों ने कहा कि भारतीय रेलवे ने ट्रेनों के तकनीकी आधुनिकीकरण के लिए चार विकल्प चुन लिये हैं तथा अब और तकनीकी प्रयोग की जरूरत नहीं है। भारतीय रेलवे छोटी दूरी के लिए वंदे भारत मेट्रो गाड़ियां, मध्यम दूरी के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस चेयरकार तथा लंबी दूरी के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस स्लीपर एवं अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का उत्पादन करेगी। अहमदाबाद मुंबई हाईस्पीड ट्रेन परियोजना के बाद भारत अपनी हाईस्पीड बुलेट ट्रेन भी बनाएगा।

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