ड्रोन से खेती को बढ़ावा देने के लिए आगे आएं कृषि के छात्र: तोमर

नयी दिल्ली, 

कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कृषि में तेजी से प्रगति के लिए नई टेक्नाेलाॅजी और संसाधन अपनाने पर जोर देते हुए ड्रोन के माध्यम से खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि के छात्र-छात्राओं से आगे आने का आह्वान किया। तोमर ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के 60वें दीक्षांत समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में देश विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़ रहा है और उपलब्धियां प्राप्त कर रहा है, वहीं कृषि क्षेत्र पर विचार करें तो भारतीय कृषि की स्थिति और भी ज्यादा गौरवान्वित करने वाली है। उन्होंने कृषि की तेजी से प्रगति के लिए नई तकनीकी एवं संसाधन अपनाने पर जोर देते हुए ड्रोन के माध्यम से खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि के छात्र-छात्राओं से आगे आने का आह्वान किया। कृषि मंत्री ने उन्नत किस्मों एवं प्रौद्योगिकियों के विकास के माध्यम से खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आईएआरआई द्वारा किए गए महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की। उन्होंने छात्रों को उद्यमिता विकास के लिए प्रेरित करते हुए खेती को व्यवसाय-उद्यम के रूप में अपनाने की अपील की। कृषि अनुसंधान और किसान कल्याण के क्षेत्र में सरकार की प्राथमिकताओं पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने किसानों के लाभ और विभिन्न हितधारकों के लिए रोजगार सृजन हेतु ड्रोन प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने पर जोर दिया तथा बताया कि सरकार ने ड्रोन पालिसी घोषित कर दी है। यह कृषि क्षेत्र के लिए काफी उपयोगी है। इससे किसानों को बहुत बचत होगी। सरकार ने ड्रोन संबंधी प्रशिक्षण देने के लिए शत-प्रतिशत सहायता-अनुदान देने का निर्णय लिया है। कृषि के विद्यार्थी इसमें बेहतर भूमिका का निर्वहन कर सकते है। कृषि के छात्र-छात्राओं के लिए सब्सिडी का प्रावधान भी है। श्री तोमर ने कहा कि विद्यार्थी, संस्थान से कृषि की डिग्री हासिल कर केवल नौकरी ही नहीं करें या सिर्फ प्रशिक्षण ही नहीं दें, बल्कि स्वयं खेती भी करें, जिससे वे देश के लिए एक बड़ा योगदान दें सकेंगे।


तोमर ने कहा कि छोटे किसानों को परेशानी से बचाते हुए उन्हें सुविधाएं मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से 10 हजार नए एफपीओ बनाने की योजना लागू की है, जिस पर सरकार 6,865 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। साथ ही, एक लाख करोड़ के कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के लिए सुविधाएं जुटाई जा रही है। दलहन-तिलहन तथा आयल पाम मिशन के माध्यम से सरकार बड़े पैमाने पर किसानों, वैज्ञानिकों व राज्य सरकारों के सहयोग से काम कर रही है, जिसके अच्छे परिणाम भी परिलक्षित हो रहे हैं। कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि हमारे देश का मुख्य आधार है, कृषि क्षेत्र मजबूत रहेगा तो देश मजबूत रहेगा। कृषि में ज्ञान-विज्ञान सहित विविध पहलुओं का ध्यान रखना होगा। कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी विशिष्ट अतिथि थे। इस अवसर पर संस्थान के पोस्ट ग्रेजुएट स्कूल से 284 छात्रों को डिग्री प्रदान की गयी, जिनमें आठ विदेशी छात्र शामिल हैं। प्रो. आर.बी. सिंह, पूर्व निदेशक, आईएआरआई को डी.एससी मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि ने फल-सब्जियों की छह किस्मों को राष्ट्र को समर्पित किया। प्रारंभ में संस्थान के निदेशक डॉ. ए.के. सिंह ने संस्थान की उपलब्धियां बताते हुए जानकारी दी कि उसके द्वारा विकसित गेहूँ की किस्में देश के अन्न भंडार में लगभग छह लाख टन का योगदान करती हैं। कार्यक्रम में परिषद के उप महानिदेशक और अतिरिक्त महानिदेशक, संस्थान के पूर्व निदेशक एवं डीन, परियोजना निदेशक, डिवीजनों के प्रमुख और प्रोफेसर सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी भाग लिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published.