निजी क्षेत्र की खेल अकादमियों को यूपी सरकार देगी मदद: योगी
गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि खेल व खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध उत्तर प्रदेश सरकार निजी क्षेत्र की खेल अकादमियों को भी मदद देगी। इसके लिए सरकार ने अपनी खेल नीति में परिवर्तन किया है। गोरखनाथ मंदिर में नागपंचमी के अवसर पर आयोजित दो दिवसीय कुश्ती प्रतियोगिता के समापन समारोह को संबोधित करते हुये उन्होने कहा कि खेल गतिविधियों को बढ़ाने के लिए अबतक निजी क्षेत्र की खेल अकादमियों को सरकारी मदद नहीं मिलती थी। इसके लिए प्रदेश सरकार ने नीति में बदलाव करते हुए उन्हें मदद देने की व्यवस्था बनाई है। कारण, कई खिलाड़ी निजी अकादमियों से प्रशिक्षण प्राप्त कर आगे बढ़े हैं। गोरखनाथ मंदिर में कुश्ती प्रतियोगिता का उदाहरण देते हुए उन्होने कहा कि गांव के निजी अखाड़ों से प्रशिक्षण प्राप्त कर कई पहलवान यहां अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। निजी अकादमियों को सरकार का सहयोग मिलने से खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ने के लिए और अवसर मिलेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में खेलो इंडिया अभियान, सांसद खेल स्पर्धा व फिट इंडिया मूवमेंट से गांव-गांव खेल और खिलाड़ियों को जो प्रोत्साहन मिला है, उसका परिणाम है कि आज हमारे खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय फलक पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। देश में विगत नौ सालों से खेल खिलाड़ियों को व्यापक मंच भी मिला है। उन्होने कहा कि भारतीय मनीषा में शरीर को धर्म का साधन माना गया है। इसलिए शरीर का स्वस्थ रहना जरूरी है और स्वस्थ शरीर के लिए खेल आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर खेल सचिव सुहास एल वाई की सराहना करते हुए बताया कि वह पैरा ओलंपिक के मेडल विजेता भी हैं।
योगी ने कहा कि प्रदेश में खेल के प्रति रुचि व खेल की गतिविधियों को बढ़ाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। इसके तहत हर गांव में खेल के मैदान व ओपन जिम विकसित किए जा रहे हैं। जिला स्तर पर स्टेडियम व ब्लॉक स्तर पर मिनी स्टेडियम बनाए जा रहे हैं। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 2 अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम, 77 स्टेडियम, 68 बहुउद्देश्यीय स्पोर्ट्स हाल, 39 तरणताल, 14 सिंथेटिक हॉकी मैदान, 36 जिम, 3 सिंथेटिक रनिंग ट्रैक, 19 डोरमेट्री, 16 बास्केटबॉल स्टेडियम, 11 कुश्ती हाल, 11 वेटलिफ्टिंग हाल बनाए जा चुके हैं। तीन स्पोर्ट्स कॉलेज व 44 क्रीड़ा छात्रवासों के जरिये कई प्रकार के खेलों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मेरठ में मेजर ध्यानचंद के नाम पर प्रदेश के पहले और विश्व स्तरीय स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय का निर्माण हो रहा है।