छत्तीसगढ़ में किसानों के बैंक खातों में 1522 करोड़ रूपए का भुगतान
नयी दिल्ली,
छत्तीसगढ़ सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत एक बार फिर राज्य के किसानों को बड़ी सौगात देते हुए उनके बैंक खातों में 1522 करोड़ रूपयों का भुगतान किया है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी की जयंती के मौके पर राज्य के करीब 21 लाख किसानों के बैंक खाते में 1522 करोड़ रूपए का भुगतान किया। इस अवसर पर गोधन न्याय योजना के अंतर्गत पशुपालकों से क्रय किए गए गोबर तथा गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को तीन करोड़ 49 लाख रूपए की राशि का ऑनलाइन ट्रांसफर किया गया। इस अवसर पर श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में राजीव गांधी जी के गरीबी उन्मूलन तथा आत्मनिर्भर भारत निर्माण के दृष्टिकोण को अपनाते हुए राज्य सरकार ने गरीबों, किसानों, आदिवासियों सहित सभी वर्गों के लोगों के लिए अनेक कल्याणकारी कार्यक्रम और योजनाएं शुरू की हैं। किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य दिलाने के लिए ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ शुरू की गयी है। सरकार ने खरीफ सीजन 2021 से इस योजना का दायरा बढ़ाते हुए इसमें धान के साथ-साथ अन्य खरीफ फसलों को शामिल किया है। इसके साथ ही राज्य के ग्रामीण अंचल के भूमिहीन कृषि मजदूरों को आर्थिक मदद देने के लिए राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना शुरू की जा रही है। इस योजना के तहत ग्रामीण अंचल के ऐसे परिवारों को 6000 रूपए प्रतिवर्ष दिए जाएंगे, जिनके पास खेती की जमीन नहीं है और वे मनरेगा या कृषि मजदूरी से जुड़े है।
उन्होंने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना अंतर्गत वर्ष 2020-21 में धान तथा गन्ना उत्पादक किसानों को फसल उत्पादन प्रोत्साहन आदान सहायता के रूप में राज्य के करीब 21 लाख किसानों को 5600 करोड़ रूपए से अधिक की राशि चार किस्तों में दी जा रही है। किसानों को पहली किस्त के रूप में 1525 करोड़ 97 लाख रूपए का भुगतान उनके खाते में किया गया था। वहीं दूसरी किस्त में 1522 करोड़ तीन लाख रूपए की राशि उनके बैंक खातों में अंतरित की गयी। उल्लेखनीय है कि राज्य में किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य दिलाने खरीफ फसलों की उत्पादकता एवं फसल विविधिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राजीव गांधी किसान न्याय योजना वर्ष 2020 में लागू की गयी है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के जरिए राज्य में खेती-किसानी को प्रोत्साहन मिला है। बीते ढाई सालों में किसानों की संख्या 15 लाख से बढ़कर 22 लाख और धान की खेती का रकबा 22 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 27 लाख हेक्टेयर से अधिक हो गया है। खेती से विमुख हो चुके लोग भी फिर से खेती से जुड़ने लगे हैं।