ये संकेत बता देंगे कि आप हो गए हैं पैंक्रियाज कैंसर के शिकार
कैंसर एक ऐसी जानलेवा बीमारी है, जिसका समय रहते पता ना चले तो व्यक्ति मौत के दरवाजे तक पहुंच जाता है। उन्हीं में से एक पैंक्रियाज कैंसर भी है। हालांकि भारत में पैंक्रियाज कैंसर के मामले कम ही सामने आते हैं लेकिन बाकी कैंसर जितना ही खतरनाक है। इसके शुरुआत न तो कोई गांठ और न ही पाचन संबंधी कोई दिक्कत होती है इसलिए ज्यादातर लोग अपनी जान गवां बैठते हैं।
कैसे काम करती है पैंक्रियाज?
पैंक्रियाज पेट में बाईं तरफ स्थिति छोटा सा अंग होता है, जो एंजाइम उत्पन्न और खून में शुगर लेवल को कंट्रोल करता है। दरअसल, यह दो हार्मोन इंसुलिन और ग्लुकागॉन भी बनाता है, जो खून में मिलकर शरीर के बाकी हिस्सों में पहुंचते हैं। इंसुलिन ब्लड शुगर लेवल को कम और ग्लुकागॉन बढ़ाता है। इन दोनों से शरीर में ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहता है।
क्या होता है पैंक्रियाज कैंसर: जब पैंक्रियाज में कोशिकाएं अनियंत्रित तरीके से बढऩे लगती हैं तो वह पहले गांठ और फिर कैंसर का रूप ले लेता है। धीरे-धीरे यह लिवर और फेफड़ों तक भी पहुंच जाता है। पुरुषों में पैंक्रियाज कैंसर का खतरा 0.5 और महिलाओं में 0.2 होता है, जिसके लक्षण ज्यादा स्टेज 4 पर ही सामने आते हैं।
पैंक्रियाज कैंसर के जोखिम कारक
. पारिवारिक इतिहास यानि जनेटिक, धूम्रपान व शराब का सेवन, मोटापा, डीडीटी, डीडीडी और एथिलीन कीटनाशकों और रसायनों के संपर्क में आना, खराब लाइफस्टाइल
चलिए आपको ऐसे संकेतों के बारे में बताते हैं, जिससे पैंक्रियाज कैंसर को पहचाना जा सकता है…
पैरों के तलवे में सूजन: ब्लॉट क्लॉट और एसिड बनने के कारण पैरों के तलवे में सूजन, फेफड़े की सूजन, सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्याएं भी आ सकती हैं। यह कैंसर के शुरूआती लक्षणों में से एक है।
अचानक वजन कम होना: अचानक वजन कम होना, भूख ना लगना, कमजोरी, ब्लोटिंग या पेट भरा हुआ महसूस हो तो यह चिंता की बात है। दरअसल, कैंसर सेल्स बढऩे के कारण एंजाइम काम नहीं करते, जिससे ऐसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलाव इससे पाचन में गड़बड़ी, मतली और उल्टी की समस्या भी हो सकती है।
बेवजह थकान रहना: बिना कारण थक जाना या शरीर में दर्द हो रहा है तो उसे अनदेखा ना करें। यह पैंक्रियाज कैंसर के लक्षणों में से एक हो सकता है।
असहनीय बॉडी पेन: पैंक्रियाज या पाचन तंत्र में ट्यूमर दर्द को भी ट्रिगर करता है, जिससे पेट, पीठ, जोड़ों और शरीर के कई हिस्सों में असहनीय दर्द होता है।
यूरिन के रंग में बदलाव: स्टेज 4 में यह कैंसर लिवर-फेफड़ों के साथ शरीर के कई हिस्सों में फैल जाता है। इससे ना सिर्फ भोजन पचाने में दिक्कत आती है बल्कि यूरिन का रंग भी गहरे रंग का हो जाता है।
दिल की धड़कन बढऩा: क्योंकि इस कैंसर के कारण इंसुलिन के उत्पादन में गड़बड़ी हो जाती है इसलिए इससे दिल की धड़कन बढऩा, बेहोशी, भ्रम जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। इसके अलावा इससे ब्लड शुगर भी कम होने लगता है।
पेट: बढ़ी हुई बैली को अगर आप वजन बढऩा समझ रहे हैं तो सावधान हो जाएं क्योंकि यह पैंक्रियाज कैंसर का संकेत हो सकता है। अगर पेट मुलायम और फुला हुआ हो तो डॉक्टर से चेकअप करवाएं।