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क्या निर्णायक मुक़ाबले में टीम संयोजन में बदलाव करेगा भारत?

विशाखापत्तनम।  भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच विशाखापत्तनम में वनडे सीरीज का निर्णायक मुक़ाबला शनिवार को खेला जाना है। रांची में करीबी जीत हासिल करने के बाद भारतीय टीम को रायपुर में करारी हार मिली थी। 359 रनों के लक्ष्य को दक्षिण अफ्रीका ने चार गेंद शेष रहते हासिल कर लिया था। इन दोनों मैचों से एक बड़ी सीख भारतीय टीम को यह मिली है कि उनका गेंदबाजी आक्रमण दोनों ही मौक़ों पर कमज़ोर साबित हुआ है। हालांकि यह भी तथ्य है कि दोनों मैचों में टॉस हारकर भारतीय गेंदबाजों को ओस के समय दूसरी पारी में गेंदबाजी करनी पड़ी थी। इस मैच में एक बार फिर भारत की गेंदबाजी पर ही सभी की निगाहें रहने वाली हैं। इसके साथ ही टीम का मध्यक्रम भी अब तक आलोचकों के निशाने पर रहा है। इस सीरीज के पहले दो मैचों में लगातार बल्लेबाजी आसान रही है और खूब रन बने हैं। अब यह देखना होगा कि निर्णायक मैच के लिए पिच किस तरह रहने वाली है। हालांकि इसके बाद भी भारत को कुछ चीजों पर काम करने की सख़्त जरूरत है। ख़ास तौर से भारत का तेज गेंदबाज़ी आक्रमण उतना डरावना नहीं लग रहा है, जितना जसप्रीत बुमराह की मौज़ूदगी में लगता है। हर्षित राणा ने पहले मैच में अच्छी गेंदबाजी की थी और दूसरे मैच में भी उनकी गेंदबाजी ठीक रही थी। हालांकि प्रसिद्ध कृष्णा टीम को वह लाभ नहीं दिला पाए हैं, जिसकी उनसे अपेक्षा थी। अर्शदीप और हर्षित की जोड़ी का बने रहना तय है, लेकिन हो सकता है कि तीसरे तेज गेंदबाज के रूप में प्रसिद्ध की जगह नीतीश रेड्डी को मौक़ा मिले।

इसके साथ ही वॉशिंगटन सुंदर का जिस तरह से इस्तेमाल मध्यक्रम में किया जा रहा है, उसका लाभ भी भारत को नहीं मिल रहा है। भारत के पास बेंच पर नीतीश रेड्डी के रूप में एक ऑलराउंडर है, लेकिन वह तीसरे तेज गेंदबाज़ की भूमिका को कितने अच्छे से निभा पायेंगे यह देखना होगा। इस हालत में भारत प्रसिद्ध के विकल्प के बारे में सोचेगी भी तो उन्हें काफ़ी मुश्किल होगी। तिलक वर्मा बेंच पर हैं और उन्हें लाकर मध्यक्रम को मजबूत किया जा सकता है। दक्षिण अफ्रीका अपने विजयी एकादश में बदलाव तो नहीं करना चाहेगी, लेकिन उन्हें मजबूरी में ऐसा करना पड़ सकता है। पिछले मैच में नांद्रे बर्गर को हैमस्ट्रिंग में चोट लगी थी और वह अपना कोटा पूरा नहीं कर पाए थे। हालांकि, जब रन चेज तनावपूर्ण हुआ था तब वह बल्लेबाजी के लिए तैयार दिख रहे थे। हालांकि, इस मैच में फ़िट होकर पूरे 10 ओवर डाल पाना उनके लिए बड़ी चुनौती होगी। ऐसे में दक्षिण अफ्रीका को यह एक बदलाव करना पड़ सकता है। बल्लेबाज टोनी डीज़ॉर्ज़ी भी हैमस्ट्रिंग की समस्या के कारण रिटायर्ड हर्ट हुए थे। उनकी फ़िटनेस भी टीम के लिए चिंता का विषय हो सकती है।

इन खिलाड़ियों पर रहेंगी निगाहें यशस्वी जायसवाल ने भारत की टेस्ट टीम में अपनी जगह पक्की कर ली है, लेकिन लिमिटेड ओवर्स की टीम में अब भी वह जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। शुभमन गिल के चोटिल होने की वजह से उन्हें वनडे सीरीज में ओपनिंग का मौक़ा मिला है। हालांकि, पहले दो मैचों में वह बड़ा स्कोर नहीं बना पाए हैं। तीसरे मैच में भी उन्हें मौक़ा मिलने की पूरी उम्मीद है क्योंकि ऋतुराज गायकवाड़ ने चार नंबर पर मिले मौक़े को दोनों हाथों से लपका है। जायसवाल को इस मैच में बड़ा स्कोर बनाना होगा, वरना उनके हाथ से वनडे टीम का टिकट फिसल सकता है। एडन मारक्रम के शतक ने ही साउथ अफ़्रीका के लिए दूसरे वनडे में जीत की नींव रखी थी। वह ऑलराउंडर खिलाड़ी हैं और फ़ील्डिंग में भी पूरी जान लगा देते हैं। वह पूरी कोशिश करेंगे कि दूसरे वनडे वाले प्रदर्शन को दोहराएं और अपनी टीम को टेस्ट के बाद वनडे सीरीज में भी जीत के करीब लेकर जाएं।