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यूपी में दलितों और मुस्लमानों पर जुल्म बढ़ता जा रहा- माकपा

लखनऊ,

यूपी: देश में हिंसा और दमन को लेकर वामदलों ने दिया ज्ञापन

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी) उत्तर प्रदेश राज्य सचिव मण्डल ने अपने एक प्रेस बयान में डा. कफील के तत्काल रिहा करने के आदेश का स्वागत करते हुए कहा है कि यह स्पष्ट हो गया कि डा. कफील को साम्प्रदायिक और विद्वेषपूर्ण साजिश के तहत बिना उचित आधार के उत्पीड़ित किया जा रहा है। डा. कफील पर रासुका लगाये जाने और इसकी अवधि बढ़ाने, दोनों को माननीय न्यायालय ने कानून की दृष्टि से अवैधानिक और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन कहा है। डा. कफील के भाषण में राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने की बात कही गयी थी जिसे भड़काऊ एवं अशांति पैदा करने वाला कहा गया था। इससे स्पष्ट हो गया कि सरकार के विरोध में आवाज उठाने एवं जनतांत्रिक अधिकारों को कुचलने के लिए भाजपा की योगी सरकार किस तरह अवैधानिक रूप से उत्पीडऩात्मक कार्यवाही कर रही है और किस हद तक साम्प्रदायिक विद्वेष एवं बदले की भावना से काम कर रही है। यूपी में दलितों पर भी पुलिसिया जुल्म बढ़ता जा रहा है। रायबरेली जनपद में हिरासत में दलित युवक की पुलिस प्रताडऩा से मौत, जौनपुर के छीतमसराय में पुलिस को हफ्ता न देने पर दलित दुकानदारों पर पुलिसिया तांडव इसके ताजा उदाहरण हैं।

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