ट्रम्प ने सऊदी अरब के साथ आर्थिक और रक्षा साझेदारी को मज़बूत किया

वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के बीच मंगलवार को हुई वार्ता में दोनों देशों ने रक्षा, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, व्यापार और निवेश के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए। सऊदी अरब ने अमेरिका में अपनी निवेश प्रतिबद्धता को बढ़ाकर लगभग 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर करने की घोषणा की। यह राशि मई 2017 में राष्ट्रपति ट्रम्प की रियाद यात्रा के दौरान घोषित 600 अरब डॉलर की प्रतिबद्धता से लगभग दोगुनी है। व्हाइट हाउस ने इस समझौते को एक बड़ा कदम बताया है जो अमेरिका-सऊदी रणनीतिक साझेदारी को और बेहतर करेगा और उच्च वेतन वाली अमेरिकी नौकरियों के अवसरों का विस्तार करेगा। इसके अलावा यह महत्वपूर्ण आपूर्ति शृंखलाओं को मज़बूत करेगा, क्षेत्रीय स्थिरता को मज़बूत करेगा और अमेरिकी श्रमिकों, उद्योग और सुरक्षा को प्राथमिकता देगा।
प्रमुख उपलब्धियों में असैन्य परमाणु सहयोग समझौता, महत्वपूर्ण खनिजों के सहयोग में प्रगति और एक एआई समझौता ज्ञापन शामिल हैं। ये समझौते अमेरिकी लोगों को सीधे लाभ पहुंचाने वाले सौदे हासिल करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हैं। ये समझौते ट्रम्प प्रशासन के “अमेरिका फ़र्स्ट” दृष्टिकोण को प्रदर्शित करते हैं, जो संयुक्त राज्य अमेरिका को विश्व मंच पर एक अग्रणी के रूप में मज़बूत करते हुए हमारे आर्थिक भविष्य को सुरक्षित करते हैं। सऊदी अरब के साथ मंगलवार को हुए समझौतों के माध्यम से, राष्ट्रपति ट्रम्प अमेरिका को ऊर्जा और उन्नत प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक अग्रणी के रूप में स्थापित कर रहे हैं और साथ ही यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हमारी आपूर्ति शृंखलाएं लचीली बनी रहें।
दोनों देशों ने असैन्य परमाणु ऊर्जा सहयोग, महत्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति श्रृंखला, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और रक्षा क्षेत्र में अलग-अलग समझौते किए।
अमेरिका-सऊदी रणनीतिक रक्षा समझौता (एसडीए) पर हस्ताक्षर हुआ, जो 80 वर्ष पुरानी रक्षा साझेदारी को और मजबूत करेगा। सऊदी अरब को एफ-35 लड़ाकू विमान की संभावित आपूर्ति और करीब 300 अमेरिकी टैंकों की खरीद को मंजूरी दी गई। असैन्य परमाणु सहयोग समझौते में अमेरिकी कंपनियों को सऊदी परमाणु कार्यक्रम में प्राथमिकता दी गई है तथा कड़े अप्रसार मानकों का पालन सुनिश्चित किया गया है। दोनों देशों ने मोटर वाहन सुरक्षा मानकों की पारस्परिक मान्यता, गैर-टैरिफ बाधाओं में कमी और पूँजी बाजार सहयोग बढ़ाने के समझौते भी किए। व्हाइट हाउस ने इन समझौतों को दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी के विस्तार और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण बताया है।
