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रेवंत रेड्डी को ‘कैश फॉर वोट’ मामले में सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

नयी दिल्ली।  उच्चतम न्यायालय ने तेलंगाना में 2015 के कथित ‘कैश फॉर वोट’ घोटाला मामले में तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी को सार्वजनिक बयान देने में कुछ संयम बरतने की नसीहत देते हुए सोमवार को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति के. वी. विश्वनाथन की पीठ ने भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के विधायक गुंटाकंडला जगदीश रेड्डी और तीन अन्य की याचिका पर कांग्रेस नेता रेड्डी के अलावा अन्य आरोपियों से दो सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा। बीआरएस नेता और अन्य की याचिका में मुकदमे को स्थानांतरित करने की मांग करते हुए कहा गया है कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के पास गृह मंत्रालय का भी प्रभार है और वह इस मामले में सार्वजनिक रूप से बयान दे रहे हैं।

याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सी ए सुंदरम ने मुख्यमंत्री के कुछ बयानों का उल्लेख किया तो पीठ ने कहा, “जब कोई व्यक्ति इतने ऊंचे पद पर होता है, तो कुछ संयम की उम्मीद की जाती है। सर्वोच्च संवैधानिक पद पर बैठे लोगों को सावधान रहना चाहिए। पीठ ने श्री रेड्डी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा से भी पूछा कि उन्होंने (श्री रेड्डी) अपने बयानों में अदालतों और वकीलों को क्यों घसीटा है। शीर्ष अदालत ने पिछली सुनवाई के दौरान श्री रेड्डी को दिल्ली की आबकारी नीति कथित घोटाले मामले में बीआरएस नेता के. कविता को दी गई जमानत पर उनके बयान के लिए फटकार लगाई थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से श्री सुंदरम ने अपनी दलील में कहा कि श्री रेड्डी गृह मंत्री हैं और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के प्रभारी हैं, जिसे उन्हें रिपोर्ट करना है। वह अभियोजन के प्रभारी हैं, चश्मदीद गवाहों की अभी जांच होनी है।

इस पर पीठ ने कहा, “हम इस सब के प्रति संवेदनशील हैं।” शीर्ष अदालत इस मामले पर दो सप्ताह बाद अगली सुनवाई करेगी। श्री रेड्डी ने सुश्री कविता को शीर्ष अदालत की ओर से दी गई जमानत से संबंधित बयानों के लिए 30 अगस्त को ‘बिना शर्त’ खेद व्यक्त किया, जिस पर अदालत ने कड़ी फटकार लगाई थी। तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के तत्कालीन नेता रेवंत रेड्डी को विधान परिषद चुनावों में पार्टी उम्मीदवार वेम नरेंद्र रेड्डी का समर्थन करने के लिए मनोनीत विधायक एल्विस स्टीफेंसन को 50 लाख रुपये की रिश्वत देते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने 31 मई 2015 को गिरफ्तार किया था। एसीबी ने श्री रेड्डी के अलावा कुछ अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया, जिन्हें बाद में जमानत दे दी गई थी।