श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपित गोटबाया राजपक्षे ने चलाया शांति अभियान

कोलम्बो।  श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने आर्थिक नीतियों के कारण अपनी खराब छवि को सुधारने के लिए एक शांति अभियान शुरू किया है। श्री राजपक्षे के खराब आर्थिक नीतियों के कारण द्वीप राष्ट्र बर्बादी की कगार पर खड़ा हुआ है। पूर्व राष्ट्रपति जुलाई में देश छोड़कर भाग गये और पिछले महीने वह फिर से स्वदेश लौटे हैं। द डेली मिरर ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अखबार ने बताया कि श्री राजपक्षे ने अपनी धूमिल छवि को सुधारने के लिए एक अभियान चलाया है। वह गत जुलाई फिर से स्वदेश लौटे हैं। द डेली मिरर के मुताबिक, मीडिया समूह और बिजनेस टाइकून की टीम गांव-गांव जाकर श्री राजपक्षे के बारे में लोगों की प्रतिक्रिया लेने के लिए जनमत सर्वेक्षण करा रही है और सोशल मीडिया अकाउंट पर भी नजरें जमाए हुए हैं। इस टीम द्वारा चलाए जा रहे सोशल मीडिया एकाउंट्स पर भी जनता की भावनाओं पर नजर रख रहे हैं ताकि यह देखा जा सके कि क्या विफल राष्ट्रपति भविष्य में जरूरत पड़ने पर राजनीति में दोबारा प्रवेश कर सकते हैं या नहीं। इस दौरान टीम गांव के निवासियों से मिलकर श्री राजपक्षे के देश प्रेम, मानवीय गुणों से अवगत कराएंगे और साथ ही उन्हें गुमराह करने जैसे मुद्दों पर भी समझाने का प्रयास करेंगी। डेली मिरर के अनुसार पूर्व राष्ट्रपति ने अमेरिका में स्थायी निवास के लिए आवेदन किया है, लेकिन इस प्रक्रिया में लंबा समय लगने की उम्मीद है। गौरतलब है कि यदि श्री राजपक्षे जनता का जनमत हासिल करने में कामयाब रहे, तो उनके श्रीलंका में रहने की उम्मीद जग सकती है। एसएलपीपी के वरिष्ठ पार्टी नेताओं ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने सुझाव दिया था कि पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे का नाम पूरी तरह से पार्टी से हटा दिया जाना चाहिए और पार्टी को उनसे दूरी बना लेनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि श्री राजपक्षे पार्टी के सदस्यों से सलाह किए बिना देश छोड़कर भाग गए और उन्हें इस तरह से भागना नहीं चाहिए था।

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