भारत के भाव की अभिव्यक्ति आकाशवाणी और दूरदर्शन ही कर सकते हैं: शाह

नयी दिल्ली।  केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि दूरदर्शन और आकाशवाणी ने अपने कार्यक्रमों के माध्यम से समय-समय पर देश को झंझोड़ने, संस्कारित करने, भावनाओं को उद्वेलित करके उन्हें चैनलाइज़ करने और सृजनशक्ति के संग्रह का काम किया है। शाह ने शुक्रवार को यहां दूरदर्शन के ‘स्वराज: भारत के स्वतंत्रता संग्राम की समग्र गाथा’ सीरियल का शुभारंभ तथा स्पेशल स्क्रीनिंग कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अपने संबोधन में कहा कि भारत के भाव की अभिव्यक्ति केवल और केवल आकाशवाणी और दूरदर्शन ही कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का अपने आप में ख़ास महत्व है क्योंकि देश अभी आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है और ये अमृत महोत्सव हमारे देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “ हम देश और दुनिया में आज़ादी और 75 सालों में देश की उपलब्धियों का गौरवगान कर रहे हैं। आज़ादी दिलाने में जाने-अनजाने लाखों लोगों ने अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया, हम उन्हें भी याद कर रहे हैं। इसके साथ ही अमृत महोत्सव से शताब्दी तक महान भारत कैसा होगा, उसकी रचना के संकल्प भी ले रहे हैं और संकल्प की सिद्धि के लिए पुरूषार्थ का प्रचंड विश्वास भी व्यक्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश यहां से जो छलांग लगाने वाला है उसके बाद भारत को महान बनने से कोई नहीं रोक सकता। इसी कड़ी में स्वराज धारावाहिक के 75 एपीसोड बनाने का काम केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर के नेतृत्व में दूरदर्शन ने हाथ में लिया है। ये एक बहुत साहसी क़दम है। शाह ने कहा, “ भारत में स्वराज शब्द का अर्थ स्वशासन तक सीमित नहीं है, बल्कि स्वराज शब्द अपने आप में संपूर्ण भारत को स्वतंत्र कराने और अपनी पद्धति से चलाना है। इसमें स्वभाषा, स्वधर्म, स्वसंस्कृति और अपनी कलाएं भी आती हैं। जब तक हम शाब्दिक दृष्टि से स्वराज की भावना में नहीं रंगते हैं, तब तक भारत सही अर्थों में स्वराज प्राप्त नहीं कर सकता।


उन्होंने कहा कि 75 वर्षों के शासन में हर किसी ने देश को आगे बढ़ाने के लिए पुरूषार्थ किया है। लेकिन अगर शताब्दी के वर्ष में हम अपनी भाषाओं को ना बचा पाएं, इतिहास को आने वाली पीढ़ी तक ना पहुंचा पाएं और हज़ारों साल से चली आ रही संस्कृति को ना बचा पाएं तो क्या स्वराज प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि गुलामी के समय देश पर शासन करने वालों ने हमारी सारी उत्कृष्ट व्यवस्था को तहस-नहस कर दिया था। जिस भारत ने दुनिया को गीता, वेद, शून्य और खगोल शास्त्र दिए हैं उन्होंने उसके ज्ञान को लेकर भी मिथक खड़ा करने का प्रयास किया, उन्होंने हमारी भाषाओं, संस्कृति, शासन करने की क्षमता के प्रति हीन भाव खड़ा किया। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 75 सप्ताह लंबा ये स्वराज सीरियल सभी भारतीय भाषाओं में अनुदित कर दिखाया जाने वाला है। ‘स्वराज’ धारावाहिक का उद्देश्य जनमानस के अन्दर हर हीन भाव को समूल उखाड़ फेंक गौरव का भाव लाना होना चाहिए, तभी हम स्वराज के उद्देश्यों को सिद्ध कर सकेंगे और यह आजादी के अमृत महोत्सव की सबसे बड़ी उपलब्धि होगी। उन्होंने युवाओं से कहा कि जो अपने इतिहास की अच्छी चीजों का गौरव नहीं करते हैं, वो कभी भी महान भविष्य की रचना नहीं कर सकते हैं। अगर देश का महान भविष्य बनाना है तो हमारे महान इतिहास का युवा पीढ़ी में गौरव पैदा करना होगा। गृह मंत्री ने कि उन्हे पूरा विश्वास है कि यह धारावाहिक हमारे युवाओं को झकझोर कर उनके मन में देश के इतिहास के प्रति गौरव पैदा करेगा। कार्यक्रम में केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री डॉ. एल. मुरूगन, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्र, प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मयंक कुमार अग्रवाल सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

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