जोखिम भरे सामान ढोने वाले वाहनों पर निगरानी उपकरण के लिए अधिसूचना

नयी दिल्ली।  सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने गैर राष्ट्रीय परमिट वाले उन वाहनों के लिए भी निगरानी उपकरण लगाने की अधिसूचना जारी की है जो जोखिम भरे और खतरनाक माल की ढुलाई करते हैं। मंत्रालय ने मंगलवार को इस संबंध में बताया कि मंत्रालय के संज्ञान में लाया गया है कि जो वाहन राष्ट्रीय परमिट के दायरे में नहीं आते हैं तथा नाइट्रोजन, आर्गन, ऑक्सीजन जैसी गैसों, खतरनाक तथा जोखिमभरे माल से लदे होते हैं उनमे लोकेशन यानी उनकी मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी देने वाले वाहन निगरानी उपकरण नहीं लगे होते हैं। केंद्रीय मंत्रालय ने गत तीन अगस्त को एक सूचना के माध्यम से यह अनिवार्य किया है कि एन2 और एन3 श्रेणियों के प्रत्येक वाहन, जिनका निर्माण नए मॉडलों के सन्दर्भ में एक सितंबर 2022 को या इसके बाद होगा तथा मौजूदा मॉडलों के मामले में एक जनवरी 2023 को या इसके बाद होगा और यदि ये वाहन खतरनाक या जोखिमभरे सामान का परिवहन करते हैं तो ऐसे वाहनों में उनकी लोकेशन बताने वाला निगरानी उपकरण लगाना ज़रूरी किया जाएगा। मंत्रालय ने इसके साथ ही 11 अगस्त 2022 की सूचना का हवाला देते हुए कहा कि बीएस यानी भारत चरण-VI गैसोलीन वाहनों में सीएनजी और एलपीजी किट के रेट्रोफिटमेंट के मामले में, जो 3.5 टन से कम हैं, डीजल इंजनों को सीएनजी एवं एलपीजी इंजन के साथ बदलने के बारे में अधिसूचना है। इस अधिसूचना के अनुसार बीएस IV उत्सर्जन मानदंडों का पालन करने वाले वाहनों में सीएनजी और एलपीजी किट के रेट्रोफिटमेंट की अनुमति है।

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