निखत, अमित और नीतू ने जीते स्वर्ण

बर्मिंघम।  विश्व चैंपियन भारतीय मुक्केबाज़ निखत ज़रीन, अमित पंघल और नीतू घंघस ने राष्ट्रमंडल खेल 2022 में भारतीय मुक्केबाज़ी का परचम लहराते हुए अपने-अपने फाइनल जीतकर स्वर्ण हासिल किये। कुछ हफ्ते पहले विश्व चैंपियन बनीं निखत ने महिला 50 किग्रा मैच में बेलफास्ट की कार्ली मेकनॉल को मात दी। निखत ने मैच की शुरुआत से ही कार्ली पर मुक्कों की बरसात शुरू कर दी और कमेंटेटर के शब्दों में बेलफास्ट की मुक्केबाज़ को ‘महत्वपूर्ण सबक’ सिखाया। तीन राउंड के बाउट में कभी भी नहीं लगा कि कार्ली नियंत्रण में हैं, और अंततः निखत ने 5-0 के एकमत फैसले से स्वर्ण जीता। अमित पंघल ने पुरुष 51 किग्रा फाइनल में इंग्लैंड के कियेरेन मैकडॉनल्ड को मात देकर सोने का तमगा हासिल किया। गोल्डकोस्ट 2018 खेलों के सिल्वर मेडलिस्ट अमित ने मैच की शुरुआत से ही कियेरेन पर मुक्कों की बारिश कर दी और पहले राउंड में ही अपने विपक्षी को कई चोटें पहुंचायीं। दूसरे राउंड में अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए अमित ने 4-0 के एकतरफा फैसले से स्वर्ण हासिल किया। दूसरी ओर, नीतू घंघस ने महिला 48 किग्रा फाइनल में मेज़बान इंग्लैंड की मुक्केबाज़ डेमी जेड को मात देकर स्वर्ण जीता। दो बार की विश्व यूथ चैंपियन नीतू ने अपनी विपक्षी को 4-0 के एकतरफा फैसले से मात दी।


नीतू ने जीत के बाद कहा, “मैं स्वर्ण पदक जीतने के बाद बेहद खुश हूं। मैं यह पदक अपने देशवासियों के नाम करना चाहती हूं। मैं भारत सरकार, भारतीय खेल प्राधिकरण और भारतीय मुक्केबाज़ी महासंघ के समर्थन के लिये उनकी शुक्रगुज़ार हूं। मैं अपने कोचों, और अपने परिवार की भी शुक्रगुज़ार हूं क्योंकि मैं उनके समर्थन के बिना यह स्वर्ण नहीं जीत सकती थी। एनसीओई रोहतक का भी धन्यवाद जहां मैंने कई सालों तक प्रशिक्षण लिया। इस बीच अनुभवी मुक्केबाज मोहम्मद हुसामुद्दीन ने पुरुष 57 किग्रा फेदरवेट सेमीफाइनल में हारने के बाद कांस्य पदक प्राप्त किया। घाना के जोसेफ कोमी ने शनिवार को हुए बाउट में हुसामुद्दीन को 4-1 के फैसले से मात दी। उल्लेखनीय है कि भारत बर्मिंघम 2022 में अब तक तीन स्वर्ण और तीन कांस्य सहित छह मुक्केबाज़ी पदक जीत चुका है। अब भारत के सागर पुरुष 91 किग्रा के फाइनल में अपनी दावेदारी पेश करेंगे।

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