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न्यूजीलैंड का दवा, टीका विकसित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर अनुसंधान

वेलिंगटन।  न्यूजीलैंड के वैज्ञानिकों ने अधिक प्रभावी दवाएं और टीके विकसित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर प्रोटीन अनुसंधान शुरू किया है। कैंटरबरी विश्वविद्यालय की सारा केसन्स ने कक्षा में स्वायत्त रूप से संचालित होने के लिए हार्डवेयर विकसित किया, जिससे वैज्ञानिकों को माइक्रोग्रैविटी में प्रोटीन के क्रिस्टलीकरण का अध्ययन करने और अन्य अनुप्रयोगों के बीच ज्यादा प्रभावी दवाओं और टीकों को विकसित करने के लिए अपनी अंतर्दृष्टि का उपयोग करने की सुविधा प्राप्त हुई है। केसन्स का शोध शुक्रवार को अमेरिका के केप कैनावेरल स्थित कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र से एक रॉकेट पर शुरू किया गया। इसके साथ न्यूजीलैंड के कैंटरबरी, ओटागो, विक्टोरिया और वाइकाटो विश्वविद्यालयों के प्रोटीन प्रयोग भी शामिल थे।

विज्ञान, नवाचार और प्रौद्योगिकी एवं अंतरिक्ष मंत्री जूडिथ कोलिन्स ने कहा कि केसन्स का शोध इस बात का एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी पृथ्वी पर नवाचार को कैसे गति प्रदान कर सकती है। मंत्री ने कहा, ‘न्यूजीलैंड सरकार अंतरिक्ष क्षेत्र को विकसित करने, नवाचार को बढ़ावा देने और न्यूजीलैंड अनुसंधान समुदाय और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसियों और वाणिज्यिक सहयोगियों के बीच साझेदारी का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस महीने की शुरुआत में न्यूजीलैंड ने मीथेन-सैट के सफल प्रक्षेपण का स्वागत किया और इसे अपने अंतरिक्ष क्षेत्र के विकास और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में एक मील का पत्थर बताया।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, मीथेन-सैट एक अत्याधुनिक उपग्रह है जिसे सटीकता के साथ मीथेन उत्सर्जन का पता लगाने और जलवायु परिवर्तन से निपटने के वैश्विक प्रयासों में योगदान देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। अमेरिका स्थित गैर-लाभकारी पर्यावरण रक्षा कोष के साथ संयुक्त अभियान में, न्यूजीलैंड की भूमिका में उपग्रह मिशन संचालन नियंत्रण केंद्र की मेजबानी करना, वायुमंडलीय विज्ञान कार्यक्रम का नेतृत्व करना, कृषि से वैश्विक उत्सर्जन का अध्ययन करना आदि शामिल है।

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