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मोदी ने राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड की स्थापना को बताया किसानों के लिए खुशखबरी

नयी दिल्ली।  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड की स्थापना पर खुशी व्यक्त की और कहा कि हल्दी बोर्ड की स्थापना से हल्दी उत्पादन में नवाचार, वैश्विक प्रचार और मूल्य संवर्धन के बेहतर अवसर सुनिश्चित होंगे। मोदी ने केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल द्वारा एक्स पर साझा किये गए एक पोस्ट में अपनी टिप्पणी देते हुए कहा, “राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड की स्थापना बेहद खुशी की बात है, खासकर पूरे भारत में हमारे मेहनती हल्दी किसानों के लिए। इससे हल्दी उत्पादन में नवाचार, वैश्विक प्रचार और मूल्य संवर्धन के बेहतर अवसर सुनिश्चित होंगे। यह आपूर्ति शृंखला को मजबूत करेगा, जिससे किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को समान रूप से लाभ होगा।

गौरतलब है कि गोयल ने मंगलवार को तेलंगाना के निज़ामाबाद में राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड का उद्घाटन किया, जो देश के प्रमुख हल्दी केंद्रों में से एक है। गोयल ने नयी दिल्ली से वर्चुअल माध्यम से यह उद्घाटन किया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता एवं हल्दी किसान पल्ले गंगारेड्डी को तीन साल के कार्यकाल के लिए हल्दी बोर्ड का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। केंद्र ने सोमवार को इस आशय का आदेश जारी किया था। हल्दी बोर्ड की स्थापना तेलंगाना, विशेषकर निज़ामाबाद के किसानों की लंबे समय से मांग रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की घोषणा के बाद केंद्र सरकार ने उल्लेखनीय है कि अक्टूबर 2023 में राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड की स्थापना को अधिसूचित किया। बोर्ड की स्थापना के बाद श्री गोयल ने एक्स पर एक पोस्ट साझा कर इस अवसर के लिये प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा, “मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर, मुझे राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड का उद्घाटन करते हुए बेहद खुशी हो रही है। हम रसोई के आवश्यक और स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद के रूप में विश्व स्तर पर हल्दी की बढ़ती लोकप्रियता का लाभ उठाने के लिए उत्पादन को बढ़ावा देना चाह रहे हैं। गोयल ने कहा, “हमारा उद्देश्य हल्दी मूल्य श्रृंखला में बुनियादी ढांचे, प्रौद्योगिकियों और कौशल को मजबूत करना और हमारे किसानों, निर्यातकों और अर्थव्यवस्था को आगे लाभ पहुंचाने में मदद करने के लिए इस सुनहरे मसाले के बारे में हमारे सदियों पुराने ज्ञान को संरक्षित और प्रचारित करना है। उन्होंने कहा है कि आने वाले समय में 20 से अधिक राज्यों में उगाई जाने वाली हल्दी की करीब 30 किस्मों के निर्यात को प्रोत्साहन और हल्दी के नए -नए उत्पाद मिलेंगे। उन्होंने कहा कि हल्दी पाउडर के मिश्रण और कौशल को भी बढ़ावा मिलेगा। विश्व के हल्दी बाजार में भारत का हिस्सा इस समय 62 प्रतिशत है। आने वाले समय में इसका और विस्तार होने की उम्मीद है।