असत्यमेव जयते पर विश्वास करते हैं मोदी : कांग्रेस

नयी दिल्ली।  कांग्रेस ने घोषणा पत्र को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी को उनकी बौखलाहट करार देते हुए आज कहा कि श्री मोदी सत्यमेव जयते नहीं बल्कि ‘असत्यमेव जयते’ पर विश्वास करते हैं और सिर्फ झूठ को ही प्रचारित करते हैं। कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने गुरुवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पहले चरण का मतदान पूरा होने के बाद से श्री मोदी बौखला गए हैं और उन्हें निश्चित हो गया है कि उनकी हार हो रही है इसलिए वह उल्टे-सुनते बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा “हम ‘सत्यमेव जयते’ पर विश्वास रखते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ‘अ-सत्यमेव जयते’ पर विश्वास रखते हैं। कांग्रेस के ‘न्याय पत्र’ में ‘विरासत कर’ का कोई जिक्र नहीं हैं। यह हमारा एजेंडा नहीं है। हकीकत ये है कि 1985 में राजीव गांधी जी ने विरासत कर को हटाया था।

उन्होंने कहा “भाजपा के कई नेताओं ने साल 2014-19 के बीच में इसकी वकालत की थी और आज प्रधानमंत्री हम पर आरोप लगा रहे हैं और कहते हैं कि कांग्रेस के ‘न्याय पत्र’ में ‘धन पुनर्वितरण’ की बात हो रही है। मैं उनको चुनौती देता हूं, हमने न्याय पत्र में एक शब्द इस्तेमाल नहीं किया है, जो ‘धन पुनर्वितरण’ की बात करता है। श्री रमेश ने कहा “देश में पहले चरण के चुनाव के रुझानों से साफ है कि भाजपा के प्रदर्शन में भारी गिरावट आने वाली है। भाजपा कहीं हाफ और कहीं साफ होने वाली है जिसके चलते श्री मोदी बौखलाए हैं। प्रधानमंत्री ने पहले हमारे ‘न्याय पत्र’ को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की, फिर ऐसी बातें उठाई जिसका जिक्र हमारे न्याय पत्र में नहीं है। हमने ‘भारत जोड़ो यात्रा तथा भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान जनता की आवाज सुनकर अपना ‘न्याय पत्र’ तैयार किया है।

उन्होंने कहा “पिछले 10 साल में श्री मोदी की नीयत-नीति से देश में बेरोजगारी बढ़ी है, महंगाई पर कोई काबू नहीं है और समाज में आर्थिक विषमता भी बढ़ी है।हमारे पांच न्याय- युवा न्याय, नारी न्याय, किसान न्याय, श्रमिक न्याय, हिस्सेदारी न्याय- चुनाव की रणनीति तय करेंगे। इन पांच न्याय को लेकर हमने 25 गारंटियां भी दीं हैं, क्योंकि हम जनता के मुद्दों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं। कांग्रेस नेता ने कहा “कांग्रेस के ‘न्याय पत्र’ में ‘विरासत कर’ का कोई जिक्र नहीं हैं। यह हमारा एजेंडा नहीं है। हकीकत ये है कि 1985 में राजीव गांधी जी ने विरासत कर को हटाया था। भाजपा के कई नेताओं ने साल 2014-19 के बीच में इसकी वकालत की थी और आज प्रधानमंत्री हम पर आरोप लगा रहे हैं। प्रधानमंत्री कहते हैं कि कांग्रेस के ‘न्याय पत्र’ में ‘धन पुनर्वितरण’ की बात हो रही है।

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