मेरठ के मेडिकल कॉलेज में कुछ पल के लिए अटकी रही सांसें

मेरठ।
उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच बेड, दवा और ऑक्सीजन की किल्लत होने लगी है। हालांकि प्रशासन का दावा है कि ऑक्सीजन की कमी नहीं होने दी जाएगी। लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज के दो वीडियो तमाम दावों की पोल खोल रहे हैं। गुरुवार को जैसे ही ऑक्सीजन की खेप मेडिकल कॉलेज पहुंची, तीमारदारों के बीच उसे लेने के लिए मारमारी शुरू हो गई। ऑक्सीजन के सिलेंडर लेने के लिए लोग एक दूसरे को धक्का देते हुए नजर आए। जिसके हाथ जो सिलेंडर लग गया वह उस सिलेंडर को लेकर अपने मरीज के पास चला गया। यहां एक बेड पर दो मरीज भर्ती हैं। एक सिलेंडर से दोनों को ऑक्सीजन दी जा रही है।


गुरुवार की शाम मेरठ मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में आक्सीजन खत्म हो गई थी। करीब 10 मिनट तक मरीजों को बिना आक्सीजन के रहना पड़ा था। ऑक्सीजन की कमी पूरी करने के लिए मोदी नगर स्थित ऑक्सीजन प्लांट से प्रशासन ने ग्रीन कॉरिडोर बनवाकर आधा घंटे में ऑक्सीजन की पूर्ति कराई थी। जिसके बाद मेरठ मेडिकल कॉलेज में मरीजों को ऑक्सीजन मुहैया हो सकी थी।
यह वायरल वीडियो भी उसी वक्त का बताया जा रहा है, जब ऑक्सीजन के सिलेंडर मेडिकल कॉलेज पहुंचे। वहीं एक वीडियो में एक शख्स डॉक्टर के पांव छूता नजर आ रहा है। इस शख्स की भी डॉक्टर से यही विनती थी कि उसको ऑक्सीजन सिलेंडर दे दिया जाए। जब मेरठ मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ ज्ञानेंद्र कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि किसी ने भ्रम फैला दिया था अन्यथा हॉस्पिटल के पास पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन है। गैस सिलेंडर खत्म होने पर कुछ देर के लिए दूसरा सिलेंडर बदलने के लिए आक्सीजन हटायी जाती है, जिस कारण कुछ समय लग जाता है। ऐसे में मरीज के तीमारदार घबरा जाते हैं, मेडिकल में आक्सीजन की कमी नहीं है। यहां डायरेक्ट पाइप लाइन से भी आक्सीजन की सप्लाई है।

New coronavirus strain enters UP, 2-year-old in Meerut found positive
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर मेरठ जिले में तेजी से फैलती जा रही है। शहर का कोई इलाका कोरोना संक्रमण से अछूता नहीं है। चिंता की बात ये है कि यहां पॉजिटिव मरीज मिलने का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी पिछले 24 घंटे की रिपोर्ट में 6,635 सैंपलों की जांच की गई जिसमें 1634 लोगों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है। इस अवधि में दो मरीजों की मौत भी हुई। आठ प्राइवेट अस्पतालों का टेकओवर, अब जिले में 3,108 बेड– स्वास्थ्य विभाग द्वारा बस अड्डे और रेलवे स्टेशन पर कराई जा रही जांच में भी कोरोना पॉजिटिव मिल रहे हैं। गुरुवार को बस अड्डे पर एक और रेलवे स्टेशन पर तीन कोरोना संक्रमित मिले। संक्रमित मरीजों की संख्या में हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने शहर के आठ और निजी अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों को भर्ती करने की अनुमति दी है। इन आठ अस्पतालों में 332 बेड की सुविधा है, इन्हें मिलाकर अब जिले में 3108 बेड मरीजों के इलाज के लिए हो गए हैं। नए अस्पतालों में ग्रामीण क्षेत्र के अस्पताल भी शामिल है, ताकि ग्रामीण इलाके के संक्रमित मरीजों को इलाज के लिए इधर उधर न भटकना पड़े। स्वास्थ्य विभाग ने 20 प्रतिशत बेड सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों और आयुष्मान कार्ड धारक मरीजों के लिए आरक्षित किए हैं।
सैनिटाइजेशन के लिए नगर निगम ने जारी किया ।

Leave a Reply

Your email address will not be published.