माध्यमिक शिक्षा विभाग की रिपोर्ट में गुणवत्ता सुधार की बात
लखनऊ,
माध्यमिक शिक्षा के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार ने सुधार पर विशेष बल दिया है। सरकार का मन्तव्य है कि बच्चे स्कूलों में मात्र प्रमाण पत्र, डिग्री न प्राप्त करें बल्कि वे ज्ञान प्राप्त करें। छात्र-छात्राएं जब स्कूल कॉलेजों से ज्ञान प्राप्त करेंगे तो वे स्वत: अपने जीवन का ध्येय बनायेंगे और राष्ट्रीय विकास में सहभागी बनेंगे। आज के विद्यार्थी कल के देश निर्माणकर्ता हैं। सरकार ने शिक्षा के समस्त कार्यों को पारदर्शी बनाया है। माध्यमिक शिक्षा की बोर्ड परीक्षा सम्पादन एवं अन्य कार्यों में सुधार लाते हुए ऑनलाइन केन्द्र निर्धारण, ऑनलाइन पंजीकरण, ऑनलाइन मान्यता एवं ऑनलाइन डुप्लीकेट अंक पत्रध्प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने की व्यवस्था की है।
प्रदेश में 2270 राजकीय, 4512 सहायता प्राप्त एवं 20840 वित्तविहीन कुल 27622 माध्यमिक विद्यालयों के माध्यम से यू0पी0 बोर्ड के अन्तर्गत कक्षा 6 से 12 तक के छात्र-छात्राओं के पठन-पाठन की व्यवस्था की जा रही है। संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 973 सहायता प्राप्त एवं 178 वित्तविहीन कुल 1151 संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों के माध्यम से छात्र-छात्राओं को संस्कृत की शिक्षा प्रदान की जा रही है। विद्यार्थियों की शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण बनाने, उन्हें विद्यालयों में आकर पढऩे और वास्तविक छात्र-छात्रा द्वारा ही बोर्ड की परीक्षा दी जाय। सरकार ने इस पर बल देते हुए कक्षा 9 और कक्षा 11 में पंजीकरण की व्यवस्था की गई है। इसके साथ-साथ छात्र-छात्राओं के शैक्षिक विवरणों के साथ ही उनके आधार नम्बर को भी ऑनलाइन अपलोड कराया है।
नकल माफियाओं पर लगाम लगाने के लिए केन्द्र निर्धारण के समय पूर्ण विवरण भरना होता है, इससे व्यवस्थाविहीन और अधोमानक के विद्यालय परीक्षा केन्द्र नहीं बन सके। मैनुअल तरीके से जहां 11414 परीक्षा केन्द्र बनाये गये थे, वहीं ऑनलाइन केन्द्र निर्धारण में वर्ष 2020 में 7784 ही रह गई। कम परीक्षा केन्द्र होने से प्रदेश सरकार की राजस्व की भी बचत हुई और सुव्यवस्थित ढंग से परीक्षा की समय सारिणी बनाते हुए नकलविहीन परीक्षा सम्पन्न कराई गई। उ0प्र0 बोर्ड की परीक्षा की सुचिता और निष्पक्षता बनाये रखने के लिए पूर्णतया नकलविहीन परीक्षा कराये जाने के उद्देश्य से प्रत्येक परीक्षा केन्द्र पर हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट की परीक्षाएं सी0सी0टी0वी0 की निगरानी में आयोजित कराई गई। इसके साथ ही इण्टरमीडिएट की प्रयोगात्मक परीक्षाएं भी सी0सी0टी0वी0 की निगरानी में पूर्णतया पारदर्शी तरीके से आयोजित कराई जा रही है।
प्राचीन वैदिक गणित एवं योग भी पाठ्यक्रम में शामिल
माध्यमिक शिक्षा परिषद के छात्र छात्राओं का शैक्षिक स्तर देश के अन्य राज्य, राष्ट्रीय स्तर के शैक्षिक बोर्डों के छात्र,छात्राओं के समकक्ष हो तथा उनमें भविष्य की प्रतियोगी परीक्षाओं का सामना करने की क्षमता विकसित हो इसलिए एन0सी0ई0आर0टी0 द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम एवं पाठ्य पुस्तकों को अंगीकृत किया गया है। प्राचीन वैदिक गणित एवं योग भी पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। कई विषयों के प्रश्नपत्रों को भी कम किया गया है। छात्र-छात्राओं की अभिरूचि के अनुसार कौशल विकास हेतु व्यावसायिक शिक्षा को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। परीक्षार्थीगण अपनी परीक्षा की तैयारी विषयवार सुनियोजित तरीके से करें, इसको ध्यान में रखते हुए परीक्षा की समय सारिणी भी समय से घोषित की जाती है। प्रदेश सरकार माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा कराई जा रही परीक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाते हुए पूर्णत: नकलविहीन परीक्षा कराते हुए, परीक्षा की शुचिता पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ छात्र,छात्राओं को सुनहरे भविष्य की ओर अग्रसर कर रही है।