लॉकडाउन के चलते बिगड़ी अर्थव्यवस्था अब पटरी पर आई – योगी कहा, पिछले साल अगस्त के मुकाबले इस साल के राजस्व में लगभग 600 करोड़ रुपए की वृद्धि
लखनऊ,
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरूवार को कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण जारी लॉकडाउन के चलते बिगड़ी अर्थव्यवस्था अब पटरी पर आ गई है और पिछले साल अगस्त के मुकाबले इस साल के राजस्व में लगभग 600 करोड़ रुपए की वृद्धि दर्ज की गयी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 के संक्रमण की चेन को तोडऩे के लिए सभी सावधानियां बरतने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सर्विलांस, डोर-टू-डोर सर्वे तथा मेडिकल टेस्टिंग की कार्यवाही को और प्रभावी बनाया जाए। इस व्यवस्था को जितना सुदृढ़ किया जाएगा, कोविड-19 के विरुद्ध उतनी अधिक सफलता प्राप्त होगी।
मुख्यमंत्री आज यहां लोक भवन में आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जनता को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कृत संकल्पित है। इसके दृष्टिगत कोविड-19 से लोगों को सुरक्षित रखने के लिए हर सम्भव कदम उठाएं जाएं। जिन प्रयासों को और गति देने की आवश्यकता है, उन्हें पूरी तेजी के साथ तत्परतापूर्वक संचालित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद लखनऊ तथा कानपुर नगर में कोविड-19 के नियंत्रण तथा इसकी उपचार व्यवस्था को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में दिए गए निर्देशों को सख्ती से लागू किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि इस सम्बन्ध में शिथिलता बरतने वालों की जवाबदेही तय की जाए।
टेस्टिंग कार्य में लगातार वृद्धि किया जाना आवश्यक
मुख्यमंत्री ने कहा कि टेस्टिंग के माध्यम से कोविड-19 के चेन को नियंत्रित करके व्यापक स्तर पर जीवन रक्षा की जा सकती है। इसे ध्यान में रखते हुए टेस्टिंग कार्य में लगातार वृद्धि किया जाना आवश्यक है। उन्होंने जनपद कानपुर नगर तथा गोरखपुर में कोविड-19 के टेस्ट की संख्या को बढ़ाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने अगस्त, 2019 के सापेक्ष अगस्त, 2020 में प्रदेश सरकार के राजस्व में लगभग 600 करोड़ रुपए की वृद्धि पर संतोष व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के दृष्टिगत भारत सरकार द्वारा जिन गतिविधियों पर रोक लगाई गई है, उन्हें छोड़कर शेष सभी प्रकार की औद्योगिक तथा व्यवसायिक गतिविधियों को प्रदेश में संचालित किया जाए। मुख्यमंत्री ने सभी विभागों की कार्य संस्कृति को बेहतर बनाने पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यालयों को समयबद्ध ढंग से ई-ऑफिस प्रणाली से जोड़ा जाए। निर्धारित प्रक्रिया के तहत शासकीय कार्यों में त्वरित निर्णय लिए जाने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि विभागीय मुख्यालय सहित अधीनस्थ कार्यालयों में पत्रावलियां 7 दिन से अधिक लम्बित न रहें। किसी पटल पर 3 दिन से अधिक पत्रावली लम्बित रहने पर सभी सम्बन्धित स्तरों पर जवाबदेही तय की जाए। सरकारी कार्यालयों में कर्मियों की समय से एवं नियमित उपस्थिति सुनिश्चित किए जाने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यवाही की नियमित समीक्षा की जाए। इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कार्यालयों का आकस्मिक निरीक्षण करते हुए प्रभावी पर्यवेक्षण किया जाए।
परीक्षाओं के संचालन हेतु एक एजेंसी का गठन किया जाए
प्रदेश सरकार के विभागों एवं उपक्रमों में भर्ती परीक्षाओं को नियमित एवं समयबद्ध ढंग से सम्पन्न कराने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए भारत सरकार की भांति राज्य में भी सभी भर्ती परीक्षाओं के संचालन हेतु एक एजेंसी का गठन किया जाए। मुख्यमंत्री ने निवेश मित्र पोर्टल के प्रभावी एवं कुशल संचालन पर बल देते हुए कहा कि इसके लिए विशेषज्ञों की तैनाती पर विचार किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने उद्योग बन्धु को अपग्रेड व सुदृढ़ करते हुए नयी संस्था इन्वेस्ट यू0पी0 के गठन का निर्णय लिया है। उन्होंने निर्देश दिए कि इस कार्य को प्रभावी ढंग से लागू करते हुए आगामी एक से सवा साल के दौरान प्रदेश में डेढ़ लाख करोड़ रुपए तक के निवेश को आकर्षित करने की कार्ययोजना तैयार की जाए।
रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए प्रभावी कार्यवाही की जाए
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में 98.5 प्रतिशत औद्योगिक,व्यावसायिक इकाइयों के पूरी क्षमता से कार्यशील रहने पर संतोष व्यक्त करते हुए क्रियाशील शेष इकाइयों को भी उनकी पूरी क्षमता से चलाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए प्रभावी कार्यवाही की जाए। उन्होंने बुनकरों की समस्याओं के समयबद्ध निस्तारण के लिए समुचित प्रयास किए जाने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बसों के अन्तर्राज्यीय आवागमन को सुचारु बनाने के लिए आवश्यक कार्यवाही की जाए। प्रदेश में सभी निर्धारित रूटों पर परिवहन निगम की बसों का संचालन कराया जाए।