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लखीमपुर खीरी कांड: सुप्रीम कोर्ट ने गवाहों को धमकाने के आरोपों पर आशीष मिश्रा से किया जवाब-तलब

नयी दिल्ली।  उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में 2021 के हिंसा मामले के आरोपियों में शामिल पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को गवाहों को धमकाने के आरोप पर चार सप्ताह में अपना जवाब देने का बुधवार को निर्देश दिया। न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह आदेश पारित किया। पीठ ने शिकायतकर्ताओं में से एक का पक्ष रख रहे वकील ने पीठ के समक्ष दलील दी कि उन्होंने मिश्रा द्वारा गवाहों को धमकाने का दावा करते हुए याचिका दायर की थी। इस पर पीठ आरोपी आशीष के अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे से चार सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करने को कहा। श्री दवे ने हालांकि आरोपों से इनकार किया और कहा कि यह एक ‘अंतहीन प्रक्रिया’ है। उन्होंने जोर देकर कहा कि तस्वीरों में उनका मुवक्किल नहीं है।

पीठ पर श्री दवे की इन दलीलों का असर नहीं हुआ। पीठ ने उनसे सहलफनामा दाखिल कर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा। शीर्ष अदालत ने इससे पहले 22 जुलाई को आशीष मिश्रा को जमानत दे दी थी और उनके दिल्ली या लखनऊ आने-जाने पर रोक लगा दी थी। उच्चतम न्यायालय ने मामले में चार किसानों गुरुविंदर सिंह, कमलजीत सिंह, गुरुप्रीत सिंह और विचित्र सिंह को भी जमानत दे दी थी और निचली अदालत को सुनवाई में तेजी लाने का निर्देश दिया था।

गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर, 2021 को चार किसानों सहित आठ लोगों की हत्या की गई थी। यह हिंसा तब भड़की जब आंदोलनकारी किसान लखीमपुर खीरी में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इलाके के दौरे का विरोध कर रहे थे। इसी दौरान एक वाहन ने चार किसानों को कुचल दिया था। इसके बाद गुस्साए किसानों ने कथित तौर पर एक ड्राइवर और दो भाजपा कार्यकर्ताओं की पीट-पीटकर हत्या कर दी। हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत हो गई।