जापानी विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री ताकाइची से ताइवान संबंधी टिप्पणी वापस लेने का किया आग्रह

टोक्यो। जापान के कई विपक्षी दलों के नेताओं ने ताइवान पर प्रधानमंत्री साने ताकाइची की हालिया अनुचित टिप्पणियों की तीखी आलोचना की है और उनसे जापान-चीन संबंधों को और नुकसान से बचाने के लिए अपनी टिप्पणी वापस लेने का आग्रह किया है। जापान की संवैधानिक डेमोक्रेटिक पार्टी के नीति प्रमुख, सातोशी होंजो ने एक टीवी कार्यक्रम में कहा कि सुश्री ताकाइची के बयानों से जापानी कानून के तहत “अस्तित्व के लिए खतरा” वाली स्थिति की अपर्याप्त समझ का पता चलता है। उन्होंने तर्क दिया कि उनकी बातें क़ानूनों, जापान-चीन संबंधों में ताइवान के मुद्दे की स्थिति और 1972 में चीन के साथ राजनयिक संबंधों के सामान्यीकरण के बाद से लगातार जापानी सरकारों के जाहिर रुख़ों से काफ़ी अलग है। जापानी कम्युनिस्ट पार्टी के नीति प्रमुख, ताकू यामाज़ोए ने उसी कार्यक्रम में चेतावनी दी कि सुश्री ताकाइची की टिप्पणियाँ जापान के लिए “गंभीर परिणाम” ला सकती हैं और जापानी संविधान के विरुद्ध हैं। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि जापान ने 1972 के चीन-जापान संयुक्त वक्तव्य में घोषणा की थी कि वह चीन के इस रुख़ को “पूरी तरह समझता और सम्मान करता है” कि ताइवान, पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ़ चाइना के क्षेत्र का एक अविभाज्य हिस्सा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ताकाइची की टिप्पणियाँ स्पष्ट रूप से उस रुख़ के साथ-साथ 2008 के उस द्विपक्षीय संयुक्त वक्तव्य के भी विपरीत हैं जिसमें कहा गया था कि दोनों देश “एक-दूसरे के लिए कोई ख़तरा नहीं हैं।” उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि मौजूदा कूटनीतिक तनाव को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री को “अपनी टिप्पणी वापस लेनी चाहिए”।
