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संगीतबद्ध गीतों के जरिये चार दशक तक लोगों को मंत्रमुग्ध किया

..पुण्यतिथि 24 अगस्त के अवसर पर ..

मुंबई, 

बॉलीवुड के मशहूर संगीतकार कल्याण जी ने अपने संगीतबद्ध गीतों के जरिये चार दशक तक लोगों को मंत्रमुग्ध किया। कल्याणजी वीर जी शाह का जन्म गुजरात में कच्छ के कुंडरोडी मे 30 जून 1928 को हुआ था। बचपन से ही कल्याण जी संगीतकार बनने का सपना देखा करते थे, हालांकि उन्होने किसी उस्ताद से संगीत की शिक्षा नही ली थी और अपने
इसी सपने को पूरा करने के लिये वह मुंबई आ गये। मुंबई आने के बाद उनकी मुलाकात संगीतकार हेमंत कुमार से हुयी जिनके सहायक के तौर पर वह काम करने लगे। बतौर संगीतकार सबसे पहले वर्ष 1958 मे प्रदर्शित फिल्म सम्राट चंद्र्गुप्त में उन्हें संगीत देने का मौका मिला लेकिन फिल्म की असफलता से वह कुछ खास पहचान नही बना पाये।

Kalyanji Virji Shah ने बॉलीवुड संगीत को दिया था नया आयाम
कल्याण जी को बतौर संगीतकार पहचान बनाने के लिये लगभग दो वर्ष तक फिल्म इंडस्ट्री मे संघर्ष करना पड़ा। इस दौरान उन्होंने कई बी और सी ग्रेड की फिल्में भी की। वर्ष 1960 मे उन्होंने अपने छोटे भाई आनंद जी को भी मुंबई बुला लिया।इसके बाद कल्याणजी ने आंनद जी के साथ मिलकर फिल्मों मे संगीत देना शुरू किया। वर्ष 1960 में ही प्रदर्शित फिल्म छलिया की कामयाबी से बतौर संगीतकार कुछ हद तक वह अपनी पहचान बनाने मे सफल हो गये। फिल्म छलिया में उनके संगीत से सजा यह गीत डम डम डिगा डिगा, छलिया मेरा नाम श्रोताओं के बीच आज भी लोकप्रिय है। वर्ष 1965 में प्रदर्शित संगीतमय फिल्म हिमालय की गोद में की सफलता के बाद कल्याणजी-आनंद जी शोहरत की बुंलदियो पर जा पहुंचे। कल्याण जी के सिने कैरियर के शुरूआती दौर में उनकी जोड़ी निर्माता-निर्देशक मनोज कुमार के साथ बहुत खूब जमी। मनोज कुमार ने सबसे पहले कल्याण जी को फिल्म उपकार के लिये संगीत देने की पेशकश की।

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