एक साथ पांच से ज्यादा लोग नहीं कर सकेंगे चुनाव प्रचार: निर्वाचन आयोग

नई दिल्ली।
निर्वाचन आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव एवं निकट भविष्य में होने वाले अन्य उपचुनाओं को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। इसमें पोस्टल बैलेट सुविधा का विकल्प दिव्यांग मतदाताओं और 80 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए बढ़ा दिया गया है। यही नहीं अनविार्य सेवाओं में कार्यरत कर्मचारियों एवं कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए भी यह सुविधा उपलब्ध होगी। उम्मीदवार घर-घर प्रचार के लिए अपने साथ सुरक्षाकर्मियों के अलावा 5 से ज्यादा लोगों को नहीं ले जा सकेंगे।

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आयोग ने कोरोना के चलते उम्मीदवारों को ऑनलाइन नॉमिनेशन भरने की सुविधा दे दी है। हालांकि, इसका प्रिंट निकालकर उम्मीदवार को चुनाव अधिकारी को सौंपना होगा। इसके अलावा चुनाव के लिए इस्तेमाल किए जा रहे किसी भी कमरे, हॉल या परिसर में थर्मल स्कैनर होना जरूरी है। थर्मल स्कैनर हर बूथ पर होंगे और एंट्री प्वाइंट पर हर किसी की स्कैनिंग की जाएगी। इसके अलावा हर बूथ पर 1500 की बजाय 1000 वोटरों को बुलाया जाएगा। अगर किसी का टेम्परेचर ज्यादा पाया गया तो वह आखिरी घंटे में ही वोट डाल सकेगा।
ऑनलाइन होंगी ज्यादातर प्रक्रियाएं
1. नामांकन फॉर्म ऑनलाइन भर सकेंगे। उसका प्रिंट चुनाव अधिकारी को सौंपना होगा
2. अधिकारी को सौंपा जा सकता है
3. जमानत की रकम ऑनलाइन और कैश दोनों सुविधाएं होंगी
4. नामांकन फॉर्म सौंपने के समय उम्मीदवार के साथ दो से ज्यादा लोग नहीं होंगे, दो से ज्यादा गाडिय़ों की भी अनुमति नहीं
5. नामांकन फॉर्म लेने, स्क्रूटनी करने और चुनाव चिह्न देने की प्रक्रिया के लिए पर्याप्त जगह होगी
6. उम्मीदवारों को अलग-अलग वक्त पर बुलाया जाएगा। वेटिंग एरिया भी बड़ी होगी
पोलिंग बूथ पर वोटिंग की प्रक्रिया
7. एक पोलिंग बूथ पर 1500 की बजाय 1000 वोटरों को ही बुलाया जाएगा।
8. वोटिंग से एक दिन पहले पोलिंग स्टेशन सैनिटाइज किया जाएगा।
9. हर पोलिंग स्टेशन के एंट्री और एग्जिट पॉइंट पर साबुन, पानी, सैनिटाइजर मुहैया कराया जाएगा। बूथ के अंदर भी सैनिटाइजर रखे जाएंगे
10. जो वोटर मास्क लगाकर नहीं आएंगे उनके लिए बूथ पर रिजर्व में मास्क रखे जाएंगे
11. हर बूथ के एंट्री प्वाइंट पर थर्मल स्कैनर लगाया जाएगा। हर वोटर की एंट्री प्वाइंट पर ही थर्मल चेकिंग होगी।
ज्यादा टेम्परेचर वालों के लिए अलग होगी व्यवस्था
12. अगर किसी वोटर का पहली रीडिंग में टेम्परेचर तय पैमानों से ऊपर आता है तो दोबारा उसका टेम्परेचर लिया जाएगा। दूसरी बार भी यह ज्यादा निकले तो वोटर को टोकन/सर्टिफिकेट दिया जाएगा और उसे वोटिंग के आखिरी घंटे में बूथ पर आने को कहा जाएगा। वोटिंग के आखिरी घंटे में ऐसे वोटरों को वोट डालने दिया जाएगा।
13. ऐसे वोटरों को फर्स्ट कम, फर्स्ट बेसिस के आधार पर टोकन दिया जाएगा, ताकि उन्हें लाइन में न लगना पड़े। टोकन देने के लिए हेल्प डेस्क भी बनाई जाएगी
14. अगर पोलिंग एजेंट या काउंटिंग एजेंट का टेम्परेचर भी ज्यादा पाया गया तो चुनाव अधिकारी उसके रिलीवर को बूथ पर आने की इजाजत दे सकेंगे
कोरोना के मरीज भी दे
सकेंगे वोट
क्वारंटाइन किए गए कोरोना के मरीज भी वोटिंग के आखिरी घंटे में स्वास्थ्य अधिकारियों की देखरेख में वोट डालने जा सकेंगे। कोरोना मरीजों के वोटिंग की प्रक्रिया को संबंधित सेक्टर मजिस्ट्रेट कोऑर्डिनेट करेंगे। जो वोटर कंटेनमेंट जोन में रह रहे हैं, वे वोट देने कैसे पहुंचेंगे, इसके लिए अलग से गाइडलाइन जारी की जाएगी। कोरोना पॉजिटिव, कोरोना संदिग्ध या क्वारंटाइन किए गए लोग पोस्टल बैलट से भी वोट डाल सकेंगे।

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कोरोना प्रोटोकॉल का होगा पालन
वोटरों की सोशल डिस्टेंसिंग के लिए दो गज यानी 6-6 फीट की दूरी पर 15 से 20 सर्कल बनाए जाएंगे। वोटरों के लिए तीन कतारें होंगी। पहली पुरुषों के लिए, दूसरी महिलाओं के लिए और तीसरी दिव्यांग और सीनियर सिटिजन के लिए होगी। पहचान के लिए जरूरी हुआ तो वोटर से मास्क नीचे करने को कहा जाएगा। हर चुनाव अफसर के सामने एक बार में सिर्फ एक वोटर जा सकेगा। हर वोटर को रजिस्टर पर साइन करने और ईवीएम का बटन दबाने के लिए ग्लव्स दिए जाएंगे। जहां भी संभव हो, वहां बूथ ऐप का इस्तेमाल किया जाएगा। पोलिंग बूथ पर कोरोना अवेयरनेस के पोस्टर लगाए जाएंगे। कुर्सियों और दरी के साथ एक शेड में पुरुषों और महिलाओं के लिए वेटिंग एरिया भी बनाया जाएगा। हर चुनाव अधिकारी को मास्क, सैनिटाइजर, फेस शील्ड और ग्लव्स दिए जाएंगे।

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