सभ्यता फाउंडेशन दिल्ली के चार ऐतिहासिक स्मारकों की करेगा देखरेख
नयी दिल्ली। गैर लाभकारी संगठन सभ्यता फाउंडेशन ने सोमवार को कहा कि उसे संस्कृति मंत्रालय की ओर से राजधानी के पुराना किला , हुमायूं का मकबरा , सफदरजंग मकबरा और मेहरौली पुरातात्विक पार्क की देखरेख और प्रोत्साहन का दायित्व मिला है। संस्कृति मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण संस्थान (एएसआई) की ओर से शुरू की गयी इस पहल का उद्देश्य निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के साथ सहभागिता करके केंद्रीयकृत संरक्षित स्मारकों और स्थलों में सुविधायें उपलब्ध और विकसित करना है। इसकी घोषणा रविवार को यहां आयोजित एक कार्यक्रम में की गयी। इस कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
संस्कृति मंत्रालय के सचिव गोविंद मोहन ने इस मौके पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘विरासत भी, विकास भी’ के दृष्टिकोण के साथ यह पहल हमारी भारतीय विविध धरोहर को संरक्षित रखने के लिये हमारे संयुक्त प्रयासों की प्रतिबद्धता को व्यक्त करती है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेशक यदुबीर सिंह रावत ने इस अवसर पर कहा कि ‘एडॉप्ट ए हेरिटेज 2.0’ की शुरुआत वर्ष 2017 में शुरू किये गये पहले दौर की सफलता के बाद किया गया है। उन्होंने कहा, “ लाल किला एक शानदार उदाहरण है कि कैसे हमने तकनीक और आधुनिकता को जोड़कर अपने धरोहर स्थलों के अनुभवों को उन्नत किया है।
हालांकि, हमारे पास इस तरह की 4000 धरोहर हैं, जिन्हें इस तरह के प्रयासों की आवश्यकता है और हमें निजी संस्थाओं से सहयोग की आवश्यकता है ताकि राष्ट्रीय सांस्कृतिक खजाने भविष्य की पीढ़ियों के लिये प्रेरणा स्रोत बने रह सकें। हम उनके निरंतर समर्थन और प्रोत्साहन के लिये संस्कृति मंत्रालय के आभारी हैं। एचईजी लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं सभ्यता फाउंडेशन के बोर्ड सदस्य रवि झुनझुनवाला ने कहा कि सभ्यता फाउंडेशन देश की सांस्कृतिक और विरासत पारिस्थितिकी को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिये प्रतिबद्ध है और भारतीय विरासत, कला, वास्तुकला और संस्कृति के विश्वस्त संग्रहों का विश्व स्तरीय अनुभव प्रदान करने के लिये समर्पित है।