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बाल विवाह के पीड़ितों की मदद करें असम सरकार

नयी दिल्ली।  नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रंस फाउंडेशन ने असम सरकार से बाल विवाह पीड़ितों की वित्तीय और कानूनी मदद करने का आग्रह करते हुए कहा है कि अगर लड़कियां विवाह को अमान्य घोषित कराना चाहती है तो उनका सहयोग किया जाना चाहिए। कैलाश सत्यार्थी चिल्‍ड्रेंस फाउंडेशन ने बाल विवाह को खत्म करने और इसके दोषियों को दंडित करने के लिए असम सरकार की निर्णायक कार्रवाई का स्वागत करते हुए मंगलवार को कहा कि बाल विवाह पीड़िताओं को विशेष वित्तीय और कानूनी सहायता प्रदान करने के साथ इनके पुनर्वास की उचित व्यवस्था की जानी चाहिए।

बाल संरक्षण के लिए कानून लागू कर असम सरकार की कार्रवाई देश में किसी भी राज्य सरकार का उठाया गया पहला कठोर कदम है। फाउंडेशन ने कहा है कि बाल विवाह पीड़ित लड़कियां अपनी शादी को अमान्य घोषित करना चाहती हैं तो उन्हें कानूनी सहायता दी जानी चाहिए। बाल विवाह से पैदा हुए बच्चों को वे सारी सुविधाएं और सहायता दी जानी चाहिए जो कि किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम के तहत मदद के हकदार हैं। इसके अलावा हर उस लड़की को जिसके पति को गिरफ्तार कर लिया गया है और जब तक उसके पति की जमानत मंजूर नहीं हो जाती तब तक, मुख्यमंत्री राहत कोष से वित्तीय सहायता के रूप में उसके लिए 2,000 रुपये प्रति माह जारी किये जाने चाहिए।

जिन मामलों में पुलिस ने “ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम 2012” की धाराओं के साथ “बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006” की धाराएं लगाई हैं, उन सभी में राज्य और जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों को उन सभी लड़कियों को एक सप्ताह के भीतर अंतरिम मुआवजा देने का निर्देश दिया जाना चाहिए। बाल विवाह के विरुद्ध असम सरकार की कठोर कार्रवाई की सराहना करते हुए, कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्‍स फाउंडेशन के प्रबंध निदेशक रियर एडमिरल राहुल कुमार श्रावत (रिटायर्ड)ने कहा कि बाल विवाह को समाप्त करने और इसके दोषियों को दंडित करने के लिए असम सरकार की गई कठोर कार्रवाई की सराहनीय है।

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