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ईएमसी स्कूलों के करिकुलम का अभिन्न हिस्सा: सिसोदिया

नयी दिल्ली, 

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम (ईएमसी) की प्रगति की मंगलवार को समीक्षा की और ईएमसी से संबंधित टीचिंग-लर्निंग मटेरियल को सभी स्कूलों के प्रमुखों, शिक्षकों और ईएमसी कॉर्डिनेटर्स तक बेहतर ढंग से पहुंचाने के लिए वेब एप्लीकेशन लॉन्च किया। श्री सिसोदिया ने कहा, “अगर विद्यार्थी अपने विषयों में 100/100 प्राप्त करते हैं, लेकिन वे अपने नॉलेज और स्किल्स का प्रयोग नहीं कर पा रहे है, तो हमारी शिक्षा और शिक्षण निरर्थक है। ये शिक्षा प्रणाली की विफलता को दिखाता है। उन्होंने कहा कि आज सबसे ज़्यादा अंक लाने वाले विद्यार्थी भी नौकरियों के लिए आवेदन करते हैं और भटकते रहते हैं। उन्हें कोई कंपनी जल्दी नौकरी नहीं देती क्योंकि कंपनियों को नॉलेज के साथ-साथ रचनात्मक तरीक़े से उसका बेहतर उपयोग करने वाले लोगों की ज़रूरत है। इसे ध्यान में रखते हुए, हमें ईएमसी को बड़े पैमाने पर आगे ले जाना होगा क्योंकि ईएमसी में छात्र अपने नॉलेज का इस्तेमाल करना सीखते है। ये न केवल हमारे छात्रों को क्रिएटिव और जोखिम लेने वाला बनाएगा बल्कि उन्हें जॉब सीकर की बजाय जॉब प्रोवाइडर बनने में मदद करेगा।” उन्होंने ईएमसी के विभिन्न घटकों के बारे में बताते हुए कहा, “ईएमसी को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि ताकि हर छात्र अपने नॉलेज को वास्तविक जीवन में उपयोग कर सके। उन्होंने बताया कि ईएमसी की इकाइयों में छात्रों के लिए एंटरप्रेन्योर्स की सफलता की कहानियों को साझा करने के साथ-साथ उन्हें बहुत सी एक्टिविटीज़ भी करने को दी जाती है। इनमें एक माइक्रो-रिसर्च प्रोजेक्ट भी शामिल है। इसके अंतर्गत बच्चे उद्यमियों और पांच पेशेवरों से उनके पेशे से संबंधित प्रश्न पूछते हैं ताकि बच्चे ये समझ बना सके कि किस पेशे के क्या लाभ और क्या हानियां है। फिर हम उद्यमियों के साथ लाइव इंटरेक्शन करते हैं, जिनमें स्थानीय और प्रसिद्ध उद्यमी छात्रों के साथ बातचीत करते हैं। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे शिक्षकों को उद्यमियों के साथ इस लाइव इंटरेक्शन के माध्यम से बच्चों को उद्यमियों से प्रश्न पूछने के लिए प्रेरित करना चाहिए| ये प्रश्न उनकी सफलता या विफलता से भी जुड़ा हो सकता है।

एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम दिल्ली सरकार की प्राथमिकता, शिक्षकों के  लिए सूचना साझा करने और रीयलटाइम डेटा एकत्र करने के लिए ...
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ईएमसी का एक सबसे अहम कंपोनेंट है सीड-मनी प्रोजेक्ट जो अभी अपने पायलट फेज में चल रहा है। इसके अंतर्गत पहले 11वीं और 12वीं के प्रत्येक बच्चे को अपने खुद के एंटरप्राइज शुरू करने के लिए 1000 रुपये की सीड-मनी दी जाती थी लेकिन इसमें बदलाव किये गये हैं और अब सीड-मनी प्रोजेक्ट के अंतर्गत 11वीं और 12वीं के विद्यार्थियों को उनके प्रोजेक्ट प्रोटोटाइप को स्वीकृति मिलने के बाद प्रत्येक विद्यार्थी दो-दो हज़ार रुपये की सीड-मनी दी जा रही है। यदि 25 बच्चों का एक ग्रुप किसी एक प्रोजेक्ट पर निवेश करना चाहते है तो हम उन्हें 50 हज़ार रुपये की राशि देंगे बशर्ते उनके प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली हो। ये हमारे विद्यार्थियों को जोखिम उठाना, निवेश करना, क्रिएटिव थिंकिंग, क्रिटिकल थिंकिंग आदि करना सिखाएगा। इस ऐप के माध्यम से सभी शिक्षकों और स्कूल प्रमुखों के लिए ईएमसी से संबंधित संसाधनों और शिक्षण सामग्री को साझा किया जाएगा। साथ ही ईएमसी कक्षाओं का रियल टाइम डाटा एकत्र किया जा सकेगा और सबसे महत्वपूर्ण बात ये कि इसमें प्रत्येक ईएमसी टीचर्स की प्रतिक्रिया एकत्र की जा सकती है। ऐप के माध्यम से शिक्षक सभी ईएमसी संसाधनों का उपयोग करने में सक्षम होंगे। इसके माध्यम से छात्रों की सफलता की कहानियां भी एकत्र की जाएंगी।

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