टॉप-न्यूज़दिल्ली/एनसीआरराज्यराष्ट्रीय

एल्सटॉम ने दिल्ली-मेरठ क्षेत्रीय रेल परियोजना के लिए सौंपी पहली तीव्र एयरोडायनैमिक ट्रेन

नयी दिल्ली, 

फ्रांस की अग्रणी इंजीनियरिंग कंपनी एल्स्टॉम की भारतीय अनुषंगी कंपनी ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) की पहली 82.5 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ (आरआरटीएस) क्षेत्रीय रेल मार्ग परियोजना के पहले चरण के लिए देश की मध्यम तीव्र गति की पहली ट्रेन सौंप दी है। इस रेलगाड़ी के लोकार्पण समारोह का आयोजन एनसीआरटीसी अध्यक्ष मनोज जोशी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में शनिवार का किया गया। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार यह ट्रेन 180 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से यात्रा के लिए बनाई गई है । इससे दिल्ली और मेरठ के बीच सफर में लगने वाले समय में 40 प्रतिशत की कमी आएगी। मध्यम तीव्र गति की यह एयरोडाइनैमिक रेलगाड़ी कम बिजली की बचत करती है और दिव्यांगों सहित सभी मुसाफिरों को सफर का उत्कृष्ट अनुभव प्रदान करने के लिए सर्वश्रेष्ठ सुविधा एवं सुरक्षा विशेषताओं के साथ बनाई गई हैं। केन्द्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस अवसर पर कहा,“ हम सभी के लिए बनायी गयी आरआरटीएस ट्रेन को बाहर आते हुए देखना एक गर्व का क्षण है जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण की सच्ची अभिव्यक्ति है। डिजाइन इन इंडिया, मेड इन इंडिया, मेड फॉर इंडिया, यह प्रधानमंत्री की मेक इन इंडिया पहल का सही प्रदर्शन है। यह जरूरी है कि हम अपने महानगरीय शहरों की क्षमता का पूरी तरह से उपयोग करने के लिए कुशल सार्वजनिक परिवहन की योजना बनाएं जिससे हम वास्तव में उन्हें कल की अर्थव्यवस्था के लिए विकास का इंजन बना सकें। एल्स्टॉम इंडिया के प्रबंध निदेशक एलेन स्पोर ने रेलगाड़ी की आपूर्ति पर कहा,“ हमें भारत की पहली मध्यम तीव्र गति की क्षेत्रीय यात्रा सेवा शुरू करने की दिशा में अपनी इस उपलब्धि पर गर्व है। आरआरटीएस परियोजना भारत में गतिशीलता के क्षेत्र में सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है और यह क्षेत्रीय रेल के क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन लेकर आएगी। हमारी रेलगाड़ी और ईटीसीएस सिग्नलिंग सिस्टम विभिन्न शहरों के बीच सुरक्षित एवं सुगम यात्रा सुनिश्चित करेंगे, जिससे लाखों लोगों को लाभ और सामाजिक आर्थिक विकास में योगदान मिलेगा। उत्पादन शुरू किए जाने के एक साल के भीतर ही पहली रेलगाड़ी की आपूर्ति से भारत के रेल नेटवर्क को आधुनिक बनाने के प्रति एल्स्टॉम की प्रतिबद्धता प्रदर्शित होती है।


हमें भारत में भविष्य के परिवहन की जरूरतों को पूरा करने के लिए अत्याधुनिक सतत प्रौद्योगिकी समाधान प्रदान करने में पसंदीदा साझेदार बनने पर गर्व है।  जोशी ने कहा, “ मैं आज पहली आरआरटीएस ट्रेनसेट का हस्तांतरण होते देख बेहद खुश हूं। विश्व स्तरीय शहरी मोबिलिटी समाधान प्रदान करने के अपने व्यापक अनुभव के साथए एल्स्टॉम ने इस परियोजना को वास्तविकता बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। एक इंजीनियर के रूप में मैं यहाँ एल्स्टॉम द्वारा स्थापित उन्नत सुविधाओं को देखकर मैं प्रभावित हूँ। यह ट्रेन प्रधानमंत्री के ‘मेक इन इंडिया’ मिशन को समर्थन देने की हमारी प्रतिबद्धता का एक ज्वलंत उदाहरण है। देश भर में बड़े पैमाने पर तेजी से परिवहन प्रणाली बनाने की भारत सरकार की महत्वाकांक्षा के साथए हम भारत में इस पारिस्थितिकी तंत्र के विकास में योगदान देने और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण को बढ़ाने के लिए उत्साहित हैं। एल्स्टॉम के हैदराबाद इंजीनियरिंग केंद्र में और सावली (गुजरात) में बनाकर तैयार की गई ये रेलगाड़ी शत-प्रतिशत देश में ही बनी हैं। इसमें भारत सरकार की भारत में निर्मित और आत्मनिर्भर भारत योजना के अनुरूप 85 प्रतिशत स्थानीयकरण किया गया है। एल्स्टॉम की सावली इकाई ने दिल्ली मेट्रो, क्वींसलैंड रेल को रेलगाड़ी बनाकर दी हैं और वर्तमान में यह कानपुर शहर के लिए मेट्रो रेलगाड़ी बना रही है।

Leave a Reply