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वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए इसके स्रोतों को वास्तविक समय में ट्रैक किया जाएगा : गोपाल राय

नयी दिल्ली,

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार वास्तविक समय के आधार पर वायु प्रदूषण के स्रोतों का पता लगाने और उनकी निगरानी करने के लिए एक अध्ययन शुरू करने वाली पहली सरकार होगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में हुई कैबिनेट की बैठक में बेहतर वायु प्रदूषण प्रबंधन के लिए ‘रीयल टाइम सोर्सेज अपोर्शनमेंट स्टडी’ के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। इसकी मदद से दिल्ली में वायु प्रदूषण के स्रोतों की वास्तविक समय के आधार पर पहचान की जाएगी। यह अपनी तरह का पहला अध्ययन है, जो वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद करेगा और इसकी मदद से वायु प्रदूषण के स्रोतों को वास्तविक समय में ट्रैक किया जाएगा। जिसके उपरांत वास्तविक समय के आधार पर उचित कार्रवाई शुरू करने में मदद मिलेगी। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार वास्तविक समय के आधार पर वायु प्रदूषण के स्रोतों का पता लगाने और उनकी निगरानी करने के लिए एक अध्ययन शुरू करने वाली पहली सरकार होगी। उन्होंने कहा कि इससे दिल्ली के प्रदूषण में योगदान देने वाले विभिन्न कारकों की पहचान करने और उन कारकों का समाधान करने में काफी मदद मिलेगी।

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‘रीयल-टाइम अपॉइंटमेंट’ परियोजना दिल्ली में किसी विशेष स्थान पर वायु प्रदूषण में वृद्धि के लिए जिम्मेदार कारकों की पहचान करने में मदद करेगी। यह वाहनों, धूल, बायोमास व पराली जलाने और उद्योगों से निकलने वाले धुएं जैसे विभिन्न प्रदूषण स्रोतों के वास्तविक समय के प्रभाव को समझने में मदद करेगा। इससे प्राप्त परिणामों के आधार पर दिल्ली सरकार प्रदूषण के स्रोतों पर अंकुश लगाने के लिए आवश्यक कदम उठा सकेगी। आईआईटी-कानपुर, आईआईटी-दिल्ली, एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टेरी) और आईआईएसईआर मोहाली की एक टीम राष्ट्रीय राजधानी में इस अध्ययन को अंजाम देगी। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि देश के किसी अन्य शहर में वायु प्रदूषण के वास्तविक समय के दौरान उसके स्रोत का पता लगाने के लिए इस तरह की तकनीक अभी तक नहीं लागू की गई है। उन्होंने आगे कहा कि कैबिनेट से आज इस परियोजना को मंजूरी मिल गई है और अब वैज्ञानिक इस नई परियोजना पर जोर-शोर से काम शुरू करेंगे। इससे दिल्ली के प्रदूषण में योगदान देने वाले विभिन्न कारकों की पहचान करने और उनका समाधान करने में काफी मदद मिलेगी।
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इस अध्ययन का नेतृत्व करने वाले आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिक डॉ. मुकेश शर्मा ने कहा कि आईआईटी कानपुर, आईआईटी दिल्ली, टेरी दिल्ली और आईआईएसईआर मोहाली की टीम इस अनूठी परियोजना पर दिल्ली सरकार के साथ साझेदारी करने से उत्साहित है, जो प्रतिदिन और साप्ताहिक वायु गुणवत्ता का पूर्वानुमान, प्रतिदिन वास्तविक समय पर प्रदूषण के स्रोतों का विभाजन और आने वाले कई वर्षों के लिए दिल्ली के वायु गुणवत्ता में गिरावट को व्यवस्थित रूप से मूल्यांकन करने, कम करने और रोकने के लिए अल्पकालिक दैनिक व साप्ताहिक कार्यों का सुझाव देते हैं। यह विकसित मोबाइल प्रयोगशाला कई स्थानों पर प्रदूषण के स्रोतों की जानकारी प्रदान करेगी और संभवतः यह प्रयोगशाला दुनिया में अपनी तरह की पहली प्रयोगशाला होगी।

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