हवाई कनेक्टिविटी से पूरे प्रदेश का तेजी से विकास होगा, व्यापक स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे: मुख्यमंत्री
लखनऊ,
मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री से बरेली, हिण्डन, सहारनपुर, मेरठ, लखनऊ तथा वाराणसी में एयरपोर्ट सम्बन्धी विकास कार्याें को किये जाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि बरेली, हिण्डन, सहारनपुर व मेरठ से भी उड़ान की सुविधा मिलने पर कनेक्टिविटी बढ़ेगी और इन क्षेत्रों के नागरिकों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि कुशीनगर अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट का शेष कार्य समयबद्ध ढंग से आगे बढ़ेगा।
केन्द्रीय नागर विमानन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार व धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा एयरपोट्र्स के विकास कार्याें में पूरा सहयोग दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अयोध्या व चित्रकूट धार्मिक, आध्यात्मिक व पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण जनपद हैं। इसी प्रकार, सोनभद्र जनपद में भी पर्यटन की अनेक सम्भावनाएं हैं। इन तीनों ही जनपदों में एयरपोर्ट की स्थापना में राज्य सरकार का पूरा सहयोग मिल रहा है। अयोध्या एयरपोर्ट चरणबद्ध ढंग से विकसित किया जाएगा।
केन्द्र व राज्य सरकार अयोध्या, चित्रकूट तथा सोनभद्र (म्योरपुर) एयरपोर्ट के लिए अवस्थापना सुविधाएं विकसित करने के लिए निरन्तर कार्य कर रही है। जिला प्रशासन का भी सहयोग मिल रहा है। निर्धारित लक्ष्य के अनुसार कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के विकास के लिए नागर विमानन तथा आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालयों द्वारा पूरा सहयोग किया जाएगा। सभी 17 एयरपोट्र्स कार्यशील होंगे, जिससे हवाई कनेक्टिविटी और नागरिक सुविधा बढ़ेगी तथा उत्तर प्रदेश विकास के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ेगा।
नागर विमानन मंत्रालय, भारत सरकार के अधिकारियों ने बताया कि बरेली, सहारनपुर में हवाई उड़ान के सम्बन्ध में कार्यवाही की जा रही है। मेरठ तथा हिण्डन से उड़ान के सम्बन्ध में स्वीकृति मिलने के बाद कार्यवाही की जाएगी। इसी प्रकार, लखनऊ तथा वाराणसी एयरपोर्ट के विकास कार्य निर्धारित प्रक्रिया के तहत किये जाएंगे।
इस अवसर पर वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अयोध्या, चित्रकूट तथा सोनभद्र के जिलाधिकारियों से संवाद किया गया। उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट की स्थापना और विकास कार्याें के सम्बन्ध में कोई समस्या नहीं है। सभी कार्य अपेक्षित लक्ष्य के अनुसार पूरे किये जाएंगे।