जिन्होंने देश की संपत्ति बेची, वे आज हम पर आरोप लगा रहे हैंः ईरानी
नयी दिल्ली,
भारतीय जनता पार्टी ( भाजपा ) की वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने आज ‘राष्ट्रीय विमुद्रिकारण पाइपलाइल कार्यक्रम’ पर कांग्रेस नेता राहुल गाँधी और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम पर निशाना साधते हुए कहा है कि जिन्होंने देश की संपत्ति बेची, वे आज हम पर आरोप लगा रहे हैं। भाजपा के कार्यालय मंत्री महेंद्र पांडेय की ओर से मंगलवार को यहाँ जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार श्रीमती ईरानी ने कहा, “महाराष्ट्र में जब कांग्रेस की सरकार थी, तब मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे 8,000 करोड़ का ‘मॉनेटाइजेशन’ गया था, क्या श्री गांधी का ये आरोप है कि उनकी सरकार ने महाराष्ट्र में एक्सप्रेस वे बेच दिया? ” श्रीमती ईरानी ने कहा, “2008 में नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन के संदर्भ में निजीकरण का एक फैसला हुआ, तब केंद्र में कांग्रेस नेतृत्व की सरकार थी। क्या श्री गांधी का ये आरोप है कि जिस सरकार की मुखिया उनकी माता सोनिया गांधी जी थी, वह सरकार देश बेचने का दुस्साहस कर रही थी? ”
उन्होंने कहा, “2006 में हवाई अड्डे के निजीकरण की शुरुआत उस सरकार ने की, जिसकी मुखिया श्रीमती गांधी थीं, तो क्या श्री गांधी का ये आरोप है कि उनकी सरकार ने सड़क, रेल और साथ ही हवाई अड्डे बेच डाले?” वरिष्ठ भाजपा नेता ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा, “आज जिस तरह की दोहरी राजनीति को श्री गांधी ने दिखाया, वह इस बात को साबित करता है कि कांग्रेस के लुटेरों से राष्ट्र की तिजोरी को भरने और उसको सुरक्षित करने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने किया और पारदर्शिता के साथ जिस सरकार ने राष्ट्र की तिजोरी को भरने का काम किया उस सरकार पर छींटाकशी करने का श्री गांधी का यह प्रयास है।”
श्रीमती ईरानी ने कहा, ” मैं ये भी कहना चाहूंगी कि कल वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा राष्ट्रीय विमुद्रीकरण पाइप लाइन की जो घोषणा की गई है, उसमें स्पष्ट कहा गया है कि सरकार अपना स्वामित्व बरकरार रखेगी। क्या श्री गांधी का ये मानना है कि राज्य सरकारें भी जो इस प्रकार का विमुद्रिकरण कांग्रेस शासित राज्यों में कर रही हैं, वे सब भी अपने राज्यों को बेचने का काम कर रही हैं?” उन्होंने कहा, ” कुछ लोग ऐसा समझ रहे हैं कि सरकार इन संपत्तियों को बेच देगी, मगर ऐसा नहीं है। सरकार का इस संपत्ति पर मालिकाना हक बरकरार रहेगा। इसका हक सरकार के पास ही रहेगा और निजी भागीदारों को तय समय के बाद अनिवार्य रूप से वापस करना होगा।