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टेपेंटाडोल और कैरीसोप्रोडोल के उत्पादन पर तत्काल रोक

नयी दिल्ली।  केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने‌ विवादास्पद टैपेंटाडोल और कैरीसोप्रोडोल से संबंधित औषधियों के उत्पादन पर तत्काल रोक लगा दी है। मंत्रालय ने रविवार देर शाम यहां बताया कि टैपेंटाडोल और कैरीसोप्रोडोल युक्त गैर-अनुमोदित संयोजन दवाओं के संबंध में तुरंत कार्रवाई की गयी है। इनका उत्पादन रोक दिया गया है। संबंधित दवा संयोजनों के लिए गतिविधि और उत्पादन रोकने का आदेश जारी किया गया है। मंत्रालय ने भारतीय दवा निर्माता मेसर्स एवियो फार्मास्यूटिकल्स, मुंबई द्वारा पश्चिम अफ्रीका के कुछ देशों को टैपेंटाडोल और कैरीसोप्रोडोल युक्त गैर-अनुमोदित संयोजन दवाओं के निर्यात रोकने का प्रस्ताव किया है।

मंत्रालय ने बताया कि दवा नियामक भारतीय औषधि नियंत्रण एवं मानक संगठन – सीडीएससीओ और राज्य नियामक प्राधिकरण की एक संयुक्त टीम ने 21 और 22 फरवरी 2025 के बीच मेसर्स एविओ फार्मास्यूटिकल्स का व्यापक लेखापरीक्षा किया। लेखापरीक्षा के निष्कर्षों के आधार पर कंपनी के परिसर में सभी परिचालनों को रोकते हुए एक आदेश जारी किया गया। जांच दल ने सभी कच्चे माल, प्रक्रियाधीन सामग्री और तैयार उत्पादों को जब्त कर लिया है। इन संभावित खतरनाक दवाओं के आगे वितरण को रोकने के लिए टेपेंटाडोल और कैरीसोप्रोडोल के लगभग 1.3 करोड़ टैबलेट और कैप्सूल और एपीआई (एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रेडिएंट्स) के 26 बैचों को भी जब्त कर लिया गया है।

महाराष्ट्र एफडीए ने 22 फरवरी को मेसर्स एविओ फार्मास्यूटिकल्स को उत्पादन रोकने का आदेश जारी किया, जिससे संबंधित दवा संयोजनों के विनिर्माण पर प्रभावी रूप से रोक लग गई। सभी राज्य औषधि नियंत्रण प्राधिकरणों और क्षेत्रीय कार्यालयों को टेपेंटाडोल और कैरीसोप्रोडोल के किसी भी संयोजन के लिए दिए गए निर्यात एनओसी और विनिर्माण लाइसेंस तुरंत वापस लेने का संदेश भेजा गया है।