चीन ने कोविड-19 के दौरान वैश्विक शोध में सबसे महत्वपूर्ण योगदान दियाःविदेश मंत्रालय
बीजिंग। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आग्रह के बाद चीन ने विशेषज्ञों के साथ कोविड-19 महामारी से संबंधित वैश्विक शोध में सबसे महत्वपूर्ण योगदान दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने मंगलवार को मीडिया से कहा “पांच साल पहले कोविड-19 के प्रकोप के बाद से, चीन ने वायरस के प्रकोप और जीनोम अनुक्रम के बारे में जानकारी डब्ल्यूएचओ और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ जल्द से जल्द साझा की है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी की ओऱ से चीन के शहर वुहान में श्वसन संक्रमण के मामलों पर पहली मीडिया रिपोर्ट की पांचवीं वर्षगांठ पर एक बयान जारी करने के एक दिन बाद यह बात कही। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि चीन के लिए कोविड-19 की उत्पत्ति के बारे में जो कुछ भी उसके पास है उसे साझा करना ‘एक पारदर्शी और वैज्ञानिक अनिवार्यता’ है। डब्ल्यूएचओ की प्रवक्ता मारिया वान केरखोव ने आरआईए नोवोस्ती को अगस्त में बताया कि चीन कोविड-19 की उत्पत्ति पर डब्ल्यूएचओ के साथ पर्याप्त सहयोग नहीं कर रहा है, लेकिन जांच अभी भी जारी है। गौरतलब है कि 31 दिसंबर, 2019 को, चीन ने डब्ल्यूएचओ को मध्य हुबेई प्रांत के वुहान में अज्ञात मूल के निमोनिया के प्रकोप के बारे में सूचित किया। जनवरी 2020 की शुरुआत में, चीन ने आधिकारिक तौर पर घोषणा की कि यह प्रकोप एक नए प्रकार के कोरोनावायरस के कारण हुआ था। बाद में, डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने 11 मार्च, 2020 को वैश्विक महामारी घोषित की।