प्रदेश में बहन बेटियों की इज्जत सुरक्षित नहीं – फातिमा
लखनऊ,
इंडियन नेशनल लीग की महिला सेल की जिला अध्यक्ष फातिमा की नेतृत्व में और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हाजी फहीम सिद्दीकी और पी सी कुरील के संरक्षण में हाथरस की 19 वर्षीय दलित लडक़ी को कैंडल मार्च और श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि चार वहशी जानवरों ने बेरहमी से अपहरण और रेप करके उसकी कमर तोड़ दी गई और जीभ भी काट दी गई। 15 दिनों तक वह मौत से लड़ती रही। आखिरकार 29 सितंबर को उसकी मृत्यु हो गई। योगी सरकार में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। इस शर्मनाक घटना से अभी लोग निकल भी नहीं पाए थे की दूसरा घटना बलरामपुर में हो गया जिसने लोगों को झकझोर कर रख दिया। और सरकार अपराधियों को बचाना चाहती है। सरकार मुजरोमों का समर्थन करने और मामले को दबाने में व्यस्त है, चाहे वह भाजपा लीडर कुलदीप सेंगर हो, चिन्मयानन्द हो , राज्य में रेप और अपहरण बढ़ता जा रहा है बालिग और नाबालिग लड़कियों का अपहरण, अपमान और हत्या होती जा रही है।
अपराधी जानते हैं कि सरकार हमारी है, हम अपराध करने के बाद भी खुलेआम घूमते रहेंगे। पुलिस हिंसा कुछ भी नहीं है, प्रदर्शनकारियों पर लाठियों की बारिश की जा रही हैं, मनीषा का शव उसके परिवार को नहीं सौंपा गया। परिवार को घर में कैद कर दिया गया और रात कें अंधेरे में जला दिया गया। सवाल यह है कि पुलिस को किसने अनुमति दी और किसके आदेश से उसने अंतिम संस्कार किया। उसी समय सभी सबूत भी मिटा दिया गया। मनीषा की मां रोती रही लेकिन पुलिस ने उसकी बात नहीं मानी, जबकि उसके धर्म में रात के अंधेरे में अंतिम संस्कार नहीं किया जाता है। आखिर पुलिस इतनी जल्दबाजी में क्यों थी, जिस देश और राज्य में अपराध बड़े पैमाने पर होते हैं, वहां प्रगति असंभव है। इसलिए, रेप मुजरिमों को फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चला कर सख्त सजा दी जानी चहिये और जितनी जल्दी हो सके निष्पादित किया जाना चाहिए। आज के कैंडल मार्च में फातिमा, रानी, अफसाना सिद्दीकी, अरूसा राना, गजाला, जीनत कौसर, सलमा, साजिदा बेगम, फरहा, शबाना, शाहना, नीलू , शबनम, रुखसार, रिफअत, तलअत, नाजिया आदि मौजूद थीं।