यूएसएड, इंडो-अमेरिकन चैंबर भारत में स्वास्थ्य सुरक्षा क्षेत्र में मिल कर करेंगे
नयी दिल्ली। यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएड) और इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स इन इंडिया (आईएसीसी) ने शुक्रवार काे एक समझाैता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जिसके तहत भारत में निजी क्षेत्र के साथ मिलकर बाल स्वास्थ्य, एचआईवी/एड्स, वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा, युवा मामले, महिला सशक्तीकरण, जलवायु परिवर्तन समेत कई क्षेत्रों में विकास को गति दी जायेगी। राजधानी में विशेष रूप से आयोजित कार्यक्रम में एमओयू पर हस्ताक्षर करने के बाद दोनों संगठनों के अधिकारियों ने बताया कि इस समझौते में अमेरिकी और भारतीय व्यापार समुदायों के बीच पांच वर्षों में प्रभावी सहयोग की नींव रखी गई है।
एमओयू में सूचीबद्ध 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा है। भारत में मेंटल हेल्थ की वजह से आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं। दुनिया में महिला आत्महत्या का एक तिहाई और पुरुषों का एक चौथाई हिस्सा है। हर तीन मिनट में एक भारतीय व्यक्ति खुदकुशी कर रहा है। समझौते से वायु, समुद्र प्रदूषण, कृषि, शिक्षा, प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल और स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत किया जायेगा। यह नया समझौता ज्ञापन साझा वैश्विक विकास प्राथमिकताओं को हासिल करने के लिए बहुत अहम है।
इस मौके पर भारत में यूएसएड मिशन की निदेशक वीना रेड्डी ने कहा,“ हम मानते हैं कि निजी उद्यम जीवन को ऊपर उठाने, समुदायों को मजबूत करने और सतत विकास को गति देने की यूएसएआईडी में ताकत है। यूएसएआईडी और आईएसीसी मौजूदा साझेदारी को आगे बढ़ा रहा है। एमओयू समान विकास लक्ष्य को हासिल करने के लिए अमेरिकी और इंडियन प्राइवेट सेक्टर क्षमताओं का लाभ उठता है। पहले से भी ये संस्थाएं एक साथ काम रही हैं। वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा, युवाओं के मसले, जलवायु परिवर्तन, कृषि और शिक्षा जैसे विभिन्न क्षेत्रों को सहयोग के दायरे में लाया गया। खास तौर पर कोविड के बाद मानसिक स्वास्थ्य पर अधिक जोर दिया गया है।
नये एमओयू में यूएसएड और आईएसीसी ने एक कामकाजी समूह के स्थापना की घोषणा की है। यह ग्रुप समान परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय संगठनों और संस्थानों को साझेदार बनाने पर ध्यान केन्द्रित करेगा। ग्रुप स्थानीय प्राथमिकता के हिसाब से उपकरणों को तैयार कराएगा। स्थानीय नेटवर्क, क्षमता और संसाधनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करेगा। उसका अंतिम लक्ष्य लोकल का समुचित उपयोग होगा। आईएसीसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ ललित भसीन ने इस अवसर पर कहा,“ आईएसीसी को अगले पांच वर्षों के लिए यूएसएड के साथ साझेदारी करने और दोनों देशों के बिजनेस ग्रुपों के बीच तालमेल, बदलाव से नई ऊंचाइयां हासिल हुई हैं। हर स्तर पर नवाचार हुए हैं, नयी गति आई है। एजेंडा और एक ट्रैक पर काम करेंगे।
विशेषज्ञों ने इस अवसर पर कहा कि भारत में हेल्थकेयर पर सकल घरेलू उत्पाद का एक फीसदी खर्च होता है, जबकि बंगलादेश इससे ज्यादा खर्च करता है। गौरतलब है कि 2015 और 2016 में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार करीब 13 फीसदी भारतीयों में कुछ न कुछ मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम है।