हरभजन सिंह ने जोशी, आर के सिंह से की मुलाकात
नयी दिल्ली,
पंजाब के ऊर्जा मंत्री हरभजन सिंह ने बुधवार को संसद भवन में केंद्रीय कोयला एवं खनज मंत्री प्रह्लाद जोशी और ऊर्जा मंत्री आर के सिंह से मुलाकात कर राज्य के बिजली से संबंधित मुद्दों और वर्तमान में चल रहे कोयला संकट का मसला उठाया। हरभजन ने बैठक के दौरान दोनों मंत्रियों को बताया कि धान के सीजन के दौरान पंजाब में बिजली की मांग बहुत ज्यादा हो जाती है और राज्य को सरकार के स्वामित्व वाले थर्मल पावर स्टेशनों के सभी यूनिट चलाने पड़ते हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले धान के सीजन के दौरान बिजली की मांग बढ़ कर 15000 मेगावाट होने की संभावना है। उन्होंने कोयले संबंधी सब ग्रुप कमेटी द्वारा राज्य के अपने प्लांटों और प्राईवेट थर्मल प्लांटों के लिए किए गए कोयले के वितरण के मुकाबले कम रेकों की आपूर्ति होने का मुद्दा भी उठाया गया। उन्होंने श्री जोशी से धान के सीजन के दौरान लचीली नीति के अंतर्गत 20 लाख टन अधिक कोयला सरकारी क्षेत्र के प्लांटों के लिए आवंटित करने और साथ ही 30 लाख टन अधिक कोयला देने की मांग की, जिसे पीएसपीसीएल द्वारा प्राईवेट प्लांटों नाभा पावर लिमिटेड और तलवंडी साबो पावर लिमिटेड को ट्रांसफर किया जाएगा।
हरभजन ने श्री जोशी को बताया कि देश व्यापक कोयला संकट के कारण पंजाब के पावर प्लांटों को आगामी धान के सीजन के दौरान कोयले की भारी कमी का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने सिंह से अपील की कि वह केंद्रीय क्षेत्र के जनरेटिंग स्टेशनों से पंजाब को तुरंत 1500 मेगावाट बिजली आवंटित करें, जिससे कृषि क्षेत्र को सुचारू रूप से आठ घंटे बिजली आपूर्ति और पंजाब के अन्य उपभोक्ताओं को बेरोकटोक बिजली मिल सके। इस दौरान केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने भरोसा दिलाया कि वह इस मामले की जांच करेंगे और राज्य को अपेक्षित मात्रा में बिजली मुहैया करवाएंगे। पंजाब के ऊर्जा मंत्री की ओर से केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के समक्ष भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड का मुद्दा भी उठाया गया।