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नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में यूपी सबसे आगे : दिनेश शर्मा

सुलतानपुर, 

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डाॅ दिनेश शर्मा ने शुक्रवार को दावा किया कि नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में भी यूपी सबसे आगे हैं। सुलतानपुर अयोध्या मण्डल के शिक्षाधिकारियों के साथ बैठक में डा शर्मा ने कहा कि आज यूपी की शिक्षा व्यवस्था फिर से ए ग्रेड में रखी जा रही है तथा ज्ञान और संस्कार के मूल तत्व इसमें वापस आ चुके हैं। नोयडा आईटी हब बनने की ओर अग्रसर है। देश में बनने वाले 100 मोबाइल फोन में से 70 का निर्माण प्रदेश में हो रहा है। देश का सबसे बडा डाटा सेन्टर यूपी में बना है। प्रदेश सरकार के कोविड प्रबन्धन की देश और दुनिया में सराहना हुई है। उत्तर प्रदेश के बारे में देश और दुनिया का नजरिया बदल चुका है। उन्होने कहा कि यूपी बोर्ड की हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट की अंक सुधार परीक्षा, प्रदेश के कुल 590 परीक्षा केन्द्रों पर प्रारम्भ हो गई हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय लखनऊ के केन्द्रीयकृत ऑनलाइन मानिटरिंग के लिये स्थापित कन्ट्रोल रूम से प्रदेश के सभी जिलों में परीक्षा केन्द्रो पर पैनी नजर रखी जा रही है। प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में आया क्रान्तिकारी बदलाव देश को विश्व गुरु बनाने में अहम भूमिका अदा करेगा। शिक्षा क्षेत्र की तस्वीर ही बदल गई है। नकलविहीन परीक्षा और आजादी के बाद पहली बार बदले गये पाठ्यक्रम ने प्रयागराज बोर्ड की गरिमा बहाल की है। अब प्रदेश में विद्यार्थी भी बोर्ड के विद्यार्थियों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे।


इससे पहले उपमुख्यमंत्री ने पीडब्ल्यूडी निरीक्षण भवन में उपस्थित लोगों से कहा कि आज का उत्तर प्रदेश विकास का पर्याय बन गया है। देश भर में जब भी विकास कार्यो के उदाहरण की बात आती है, तो उत्तर प्रदेश का नाम ही सबसे पहले आता है। यही कारण है कि प्रदेश देश में संचालित प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना, स्मार्ट सिटी योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम जैसी योजनाओं में से 44 योजनाओं के क्रियान्वयन में पहले स्थान पर है। विकास के चलते ही प्रदेश आज देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। 11 लाख करोड़ रूपये की अर्थ व्यवस्था आज 22 लाख करोड़ की हो गई है। उत्तर प्रदेश में यह बदलाव केन्द्र की मोदी सरकार और योगी सरकार के संयुक्त प्रयासों से संभव हुआ है। अपराध और अपराधियों का ठिकाना कहा जाने वाला प्रदेश आज निवेशकों का नया पसंदीदा स्थान गया है। प्रदेश के इतिहास में पहली बार साढे चार लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इनमें से करीब तीन लाख करोड के निवेश प्रस्तावों पर कार्य आरंभ हो चुका है। निवेश प्रस्तावों पर आरंभ हुए कार्य सूबे की तस्वीर और तकदीर बदलने के साथ ही यहां के किसान, नौजवान और महिलाओं के भी सुनहरे भविष्य की बुनियाद रखेंगे। कोरोना जैसे संक्रमण काल में भी प्रदेश में 56 हजार करोड़ का निवेश आया है।


उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद यह पहली ऐसी सरकार है, जिसने साढे चार साल में साढे चार लाख नौकरियां दी है। एक भी नौकरी विवादित नहीं है। सरकार का लक्ष्य प्रदेश में बेरोजगारी को पूरी तरह से समाप्त करने का है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में कई प्रकार की योजनाओं से करोड़ों प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित हुए हैं। साढे चार साल में आया यह बदलाव किसी परिकथा से कम नहीं है। साढे चार साल पहले कोई आज के उत्तर प्रदेश की कल्पना भी नहीं कर सकता था। उस समय की सरकारों के लिए विकास का अर्थ कुछ और हुआ करता था पर आज विकास का अर्थ केवल और केवल प्रदेश में इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कार्य के लिए बेहतर माहौल, अपराध नियंत्रण व जनकल्याण की योजनाओं को बिना भेदभाव के जनता तक पहुचाना है।

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