66 वर्ष की हुयीं रेखा
मुंबई,
बॉलीवुड में अपने दमदार अभिनय से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने वाली रेखा आज 66 वर्ष की हो गयी। 10 अक्तूबर 1954 को मद्रास में जन्मीं रेखा .मूल नाम भानुरेखा गणेशन. को अभिनय की कला विरासत में मिली। उनके पिता जैमिनी गणेशन. अभिनेता और मां पुष्पावली जानी-मानी फिल्म अभिनेत्री थी। रेखा ने अपने करियर की शुरूआत बाल कलाकार के रूप में वर्ष 1966 में प्रदर्शित तेलुगु फिल्म ..रंगुला रतनम ..से की। दक्षिण भारतीय फिल्मों में अभिनेत्री के रूप में रेखा ने अपने करियर की शुरूआत कन्नड़ फिल्म ‘गोदाली सी.आई.डी 999’ से की। फिल्म में उनके नायक की भूमिका सुपरस्टार डा.राजकुमार ने निभाई थी। बतौर अभिनेत्री हिंदी फिल्मों में उनके सिने करियर की शुरूआत 1970 में प्रदर्शित फिल्म ‘सावन भादो’ से हुई। फिल्म में उनके नायक की भूमिका नवीन निश्चल ने निभायी। वर्ष 1976 में प्रदर्शित फिल्म ‘दो अनजाने’ रेखा के करियर की महत्वपूर्ण फिल्म साबित हुयी। इस फिल्म में पहली बार उन्हें अमिताभ बच्चन के साथ काम करने का मौका मिला। वर्ष 1978 में प्रदर्शित फिल्म ‘घर’ रेखा के सिने करियर के लिये अहम फिल्म साबित हुयी। इस फिल्म में दमदार अभिनय के लिये वह पहली बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्मफेयर पुरस्कार के लिये नामांकित की गयी। वर्ष 1980 में प्रदर्शित फिल्म ‘खूबसूरत’ रेखा की एक और सुपरहिट फिल्म रही। इस फिल्म में दमदार अभिनय के लिये वह फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित की गयी।
वर्ष 1981 में रेखा की एक और महत्वपूर्ण फिल्म ‘उमराव जान’ प्रदर्शित हुयी। मिर्जा हादी रूसवा के मशहूर उर्दू उपन्यास ‘उमराव जान’ पर आधारित इस फिल्म में उन्होंने उमराव जान का किरदार निभाया। इस किरदार को रेखा ने इतनी संजीदगी से निभाया कि सिने दर्शक आज भी उसे भूल नहीं पाये हैं। इस फिल्म के सदाबहार गीत आज भी दर्शकों और श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। वर्ष 1981 में प्रदर्शित फिल्म ‘सिलसिला’ रेखा की उल्लेखनीय फिल्मों में शामिल की जाती है। माना जाता है कि यश चोपड़ा के निर्देशन में बनी इस फिल्म में अमिताभ बच्चन और रेखा के बीच रिश्ते को रूपहले पर्दे पर पेश किया गया। हालांकि, फिल्म टिकट खिड़की पर अधिक कामयाब नहीं रही लेकिन दर्शकों का मानना है कि यह उनकी उत्कृष्ट फिल्मों में एक है। वर्ष 1988 में प्रदर्शित फिल्म ‘खून भरी मांग’ रेखा की सुपरहिट फिल्मों में शुमार की जाती है। राकेश रोशन के निर्देशन में बनी इस फिल्म में दमदार अभिनय के लिये रेखा सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित की गयीं। 90 के दशक में रेखा ने फिल्मों में काम करना काफी हद तक कम कर दिया। वर्ष 1996 में प्रदर्शित फिल्म ‘खिलाड़ियों का खिलाड़ी’ में उन्होंने गैंगस्टर माया का किरदार निभाकर दर्शकों की वाहवाही लूटी। फिल्म में दमदार अभिनय के लिये वह सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित की गयी। रेखा ने कई फिल्मों में अपने बिंदास अभिनय से दर्शकों को रोमांचित किया है। इन फिल्मों में उत्सव, कामसूत्र और आस्था जैसी कई फिल्में शामिल हैं। वर्ष 2010 में रेखा को पद्मश्री से अलंकृत किया गया। रेखा ने अपने पांच दशक लंबे सिने करियर में लगभग 175 फिल्मों में अभिनय किया है।